जौनपुर। प्रभु श्रीराम के राज्यभिषेक के साथ लीला का समापन
राजाराम के दरबार में श्रोताओं ने लगाई हाज़िरी, उतारी आरती किए दर्शन
जय सियाराम के जयघोष से गूंजता रहा परिसर
मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। दशहरे के दिन बुराई के प्रतीक रावण का मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र ने वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। जिसके बाद बुधवार को माता सीता की अग्नि परीक्षा, विभिषण का राजतिलक कर लंका का राजा बनाने व प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक का मंचन किया गया।
रावण वध और लंका विजय के पश्चात राम, लक्ष्मण, सीता और बानर योद्धाओं के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचे। अयोध्या में राम और भरत गले मिले। इस दौरान दोनों भाइयों की आंखों से अश्रु धारा बह निकली। तत्पश्चात गुरु वशिष्ठ के आदेशानुसार राम को राजगद्दी दी गई। राम को राज तिलक लगाकर राज्याभिषेक किया गया। राज्याभिषेक होते ही अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ गई। राजा राम ने दरबारियों, शुभचिंतकों और याचकों को उपहार प्रदान किया। इस दौरान राम ने सीता को रत्न जड़ित माला प्रदान किया, जिसे सीता ने उपहार स्वरूप हनुमान को दे दिया। हनुमान माला तोड़ने लगे। यह देख दरबारियों को घोर आश्चर्य हुआ और हनुमान से माला छोड़ने का कारण पूछने लगे। हनुमान ने बताया की माला में राम नाम खोज रहा हूं। माला में यदि राम नाम नहीं है तो यह मेरे किस काम का है। इस पर दरबारियों ने हनुमान से पूछा कि क्या तुम्हारे हृदय में राम जी निवास करते हैं तो हनुमान ने हामी भरी और भरे दरबार में अपना सीना फाड़ हृदय में सीता राम का दर्शन कराया। हनुमान के हृदय में सीताराम को देख दरबारी प्रफुल्लित हो राम के जयकारे लगाए। श्री राम राज्याभिषेक की मनोहारी झांकी देख श्रोता प्रेम भाव विभोर हो गए। राम राज्याभिषेक के अवसर पर कमेटी द्वारा कलाकारों व विगत सोलह दिनों से रामलीला में सहयोग कर रहे कार्यकर्ताओं व नगरवासियों के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि यह सब आपके प्यार स्नेह और सहयोग के बिना संभव नहीं था। इस अवसर पर श्री रामलीला कमेटी गुड़हाई के सदस्य पदाधिकारीगण,कार्यकर्ता,कलाकार व नगरवासियों भारी भीड़ मौजूद रही।
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