विजय शंकर दुबे की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों की 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में पूछे गए शैक्षिक परिभाषा प्रश्न को गलत पाए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 25 अगस्त 2021 को इस प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए कोर्ट की शरण में आए अभ्यर्थियों को मेरिट के अनुसार विभाग में नियुक्ति करने का फैसला दिया था। राज्य सरकार द्वारा 7 महीने बाद अप्रैल 2022 में इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील दाखिल की गई, इस अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवम्बर 2022 को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से नाराज एक अंक से नियुक्ति से वंचित सैकड़ो अभ्यर्थियों द्वारा राजधानी लखनऊ के अलामबाग स्थित इको गार्डन (उत्तर प्रदेश की पुरानी जेल) में 2 महीने पहले 8 अगस्त 2023 से लगातार नियुक्ति के लिए धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस दौरान तमाम आला अधिकारियों के साथ
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य एवं बेसिक शिक्षामंत्री संदीप सिंह से मुलाकात की गई, इसके बावजूद भी बेसिक शिक्षा विभाग ने इनकी नियुक्ति की कोई भी लिखित कार्यवाही शुरू नहीं की है।
‘हिन्दी संवाद’ से प्रदेश भर के तमाम जिलों से आए दुर्गेश शुक्ला, सूरज वर्मा, शैलेंद्र कुमार वर्मा, रॉकी सिंह, शुभांशु सिंह, शैलेश गौतम, पूजा श्रीवास्तव, प्रिया चौधरी, विजय भारती, प्रसून दीक्षित, राम मिश्रा, रोहित शुक्ला आदि अभ्यर्थियो ने कहा कि “11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट से अंतिम रूप से निस्तारित एक अंक मामले में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल द्वारा भर्ती के आरक्षण मामले के कारण पात्र अभ्यर्थियों की मेरिट कटऑफ
गुणांक निर्धारित न होने का हवाला देते हुए एक अंक मामले की चयन सूची जारी नहीं की जा रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग को आरक्षण मामले के कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन करते हुए एक अंक मामले के अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी कर देनी चाहिए, नियुक्ति मिलने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।”
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