-पैर कांपते जरूर हैं लेकिन मन में दौड़ने की लगन पक्की है। 103 वसंत पार कर चुकीं वाराणसी के परमानंदपुर गांव निवासी कलावती पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त हैं। चेहरे पर उत्साह की चमक ऐसी कि नौजवानों को भी पीछे छोड़ दें। अपने इसी उत्साह की बदौलत इस बार कलावती काशी सांसद खेलकूद प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रही हैं।पूरे गांव की बुआ कलावती का मानना है कि खेल इंसान को हर उम्र को जवां रखता है। प्रतिदिन अगर आप मैदान में पसीना बहाएंगे तो आप हमेशा सेहतमंद रहेंगे। परमानंदपुर में जन्मी कलावती की शादी 10 साल की उम्र में हो गई थी। संतान न होने कारण पति ने जब उनका साथ छोड़ दिया तो वह मायके आकर यहीं रहने लगीं। वह अपने भतीजे डॉ. अशोक कुमार सिंह के परिवार के साथ रह रही हैं।पहलवान परिवार से हैं, इसलिए अपनी सेहत को लेकर काफी सजग हैं। उनके तीन भाई हैं, तीनों पहलवान। वह बिना घड़ी देखे, बिना किसी अलार्म के ठीक सुबह पांच बजे उठ जाती हैं। एक घंटे दौड़ लगाती हैं। अशोक कुमार की पत्नी आशा उनके खाने पीने का ख्याल रखती हैं। कुछ अपने भतीजे तो कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे जो खेलेगा वही खिलेगा से भी खासा प्रभावित हुईं और सांसद खेल स्पर्धा में हिस्सा लेने का मन बनाया। कलावती 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लेंगी। उनके भतीजे ही उन्हें प्रतियोगिता के लिए तैयार भी कर रहे हैं।
रोज 60 मिनट दौड़ लगाती हैं 103 साल की कलावती, हाथ-पैर में कंपन लेकिन दौड़ने की पक्की लगन
Bureau Chief-Varanasi Dr S C Srivastava
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