सड़क पर वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, तेज गति, शराब पीकर वाहन चलाना व वाहनों को गलत तरीके से ओवरटेक करना आम बात हो गई है। सड़क पर अधिकतर वाहन चालक हड़बड़ी में दिखाई देते हैं। ऐसे में गाड़ी से पल भर के लिए ध्यान हटते ही लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते है। जबकि यातायात विभाग की ओर सड़क सुरक्षा सप्ताह व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
लापरवाही के कारण जिले में प्रतिवर्ष सड़क हादसों में वृद्धि हो रही है।
भारत में ओवरस्पीडिंग की वजह से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। साल 2021 सड़क हादसों में 1.5 लाख मौतें हुई थीं, इनमें से 87 हजार से ज्यादा मौत ओवरस्पीडिंग से हुई थी।
कुछ मौतें टूटे सड़क के वजह से भी होती हैं।
भारत में सड़क हादसों से हर दिन 426 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. वहीं, सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग ही है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, भारत में हर 4 मिनट में सड़क हादसे में एक मौत हो जाती है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में देशभर में 4.03 लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए थे। इनमें 1.55 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। यानी, हर दिन 426 से ज्यादा लोगों की जान सड़क हादसे में चली गई। इस हिसाब से हर घंटे करीब 18 लोगों की मौत हो गई।
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