महाराजगंज धर्म जागरण के प्रांतीय प्रमुख तारकेश्वर शाही ने कहा कि साधु संत देश व समाज का कुशल मार्गदर्शक होता है। सभी के कल्याण के लिए कार्य संत समाज ही करता है। संत समाज से विमुख होकर कोई देश व समाज सुख, शांति और समृद्धि स्थापित नहीं कर सकता।
वह जोगिया के ब्रह्म स्थान मठ पर पूर्व महंत एवम ब्रह्मलीन संत रामचेतन दास के 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित संत सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संतो की त्याग और तपस्या से ही राष्ट्र व समाज को मजबूती मिली है। संत परमार्थ के लिए जीते हैं। उन्होंने व्यक्तियों के चार प्रकार बताते हुए उत्तम प्रकार के व्यक्ति के बारे में विस्तार से बताया।
हिंदू जागरण के क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिवमूर्ति ने कहा कि संत अपने लिए कुछ नहीं करता, जो करता है वह समाज और परोपकार के लिए करता है। समाज में जो कुछ सकारात्मक परिवर्तन आया है, वह निश्चय ही संतो की त्याग और तपस्या है। संतों ने देश के लिए जीना सिखा है।
पूर्व चेयरमैन एवम प्रधानाचार्य बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बाबा राम चेतन दास पढ़े लिखे तो नही थे, लेकिन बहुत बड़े ज्ञानी थे। उन्होंने अपना जीवन धर्म, अध्यात्म और लोक कल्याण में बीता दिया। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि उनके शिष्य बालक दास उनके पद चिन्हों पर चलने का कार्य कर रहे हैं।
विश्व हिंदू महा संघ के जिलाध्यक्ष शंभू दास ने कहा कि हिन्दू सनातन परंपरा है। इस परंपरा को विश्व में कैसे स्थापित करें। इसके लिए हमें कार्य करना होगा। कार्यक्रम का संचालन भक्ति आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनयन दास रामायणी ने किया।
इस अवसर विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रभारी महंत बालकदास, हरियाणा से पधारे महामंडलेश्वर भगवान दास शास्त्री, श्यामसुंदर उर्फ नागबाबा, कमलेश्वर दास, महंत रामदुलारे दास त्यागी, बलराम दास, अनुज कुमार तिवारी, भजन गायक सच्चिदानंद सरस, चतुर्भुजा सिंह, मनोज जायसवाल, अभय सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, चंद्र प्रकाश यादव, रामनारायण यादव, बैजनाथ यादव उपस्थित रहे।
वह जोगिया के ब्रह्म स्थान मठ पर पूर्व महंत एवम ब्रह्मलीन संत रामचेतन दास के 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित संत सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संतो की त्याग और तपस्या से ही राष्ट्र व समाज को मजबूती मिली है। संत परमार्थ के लिए जीते हैं। उन्होंने व्यक्तियों के चार प्रकार बताते हुए उत्तम प्रकार के व्यक्ति के बारे में विस्तार से बताया।
हिंदू जागरण के क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिवमूर्ति ने कहा कि संत अपने लिए कुछ नहीं करता, जो करता है वह समाज और परोपकार के लिए करता है। समाज में जो कुछ सकारात्मक परिवर्तन आया है, वह निश्चय ही संतो की त्याग और तपस्या है। संतों ने देश के लिए जीना सिखा है।
पूर्व चेयरमैन एवम प्रधानाचार्य बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बाबा राम चेतन दास पढ़े लिखे तो नही थे, लेकिन बहुत बड़े ज्ञानी थे। उन्होंने अपना जीवन धर्म, अध्यात्म और लोक कल्याण में बीता दिया। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि उनके शिष्य बालक दास उनके पद चिन्हों पर चलने का कार्य कर रहे हैं।
विश्व हिंदू महा संघ के जिलाध्यक्ष शंभू दास ने कहा कि हिन्दू सनातन परंपरा है। इस परंपरा को विश्व में कैसे स्थापित करें। इसके लिए हमें कार्य करना होगा। कार्यक्रम का संचालन भक्ति आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनयन दास रामायणी ने किया।
इस अवसर विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रभारी महंत बालकदास, हरियाणा से पधारे महामंडलेश्वर भगवान दास शास्त्री, श्यामसुंदर उर्फ नागबाबा, कमलेश्वर दास, महंत रामदुलारे दास त्यागी, बलराम दास, अनुज कुमार तिवारी, भजन गायक सच्चिदानंद सरस, चतुर्भुजा सिंह, मनोज जायसवाल, अभय सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, चंद्र प्रकाश यादव, रामनारायण यादव, बैजनाथ यादव उपस्थित रहे।
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