19 अक्टूबर को बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप  तय करने की होगी अगली सुनवाई।

*गोंडा मनकापुर से हिंदी संवाद न्यूज़ ब्यूरो हेड शिवमंगल शुक्ला की खास रिपोर्ट*

नई दिल्ली (हि.स.) । महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई के दौरान बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कहा कि शिकायत कॉस्मेटिक तरीके से दर्ज कराई गई, बृजभूषण ने पहलवानों को नोटिस जारी कर कभी ऑफिस में नहीं बुलाया। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने आरोप तय करने के मामले पर अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह के वकील राजीव मोहन ने कहा कि ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को केंद्र सरकार ने भेजी थी। राजीव मोहन ने कहा कि पहला विरोध 18 जनवरी को जंतर-मंतर पर था। 19 जनवरी को एक पहलवान ने सरकार से मुलाकात की और कहा कि में अपना मामला सरकार के सामने रखना चाहता हूं। 20 जनवरी 2023, शिकायतकर्ता नंबर एक द्वारा खेल मंत्री के लिए एक ट्वीट और गृह मंत्री के लिए दूसरा ट्वीट किया गया ।

पहले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने आरोपितों की ओर से अधिकार क्षेत्र को लेकर दी गई दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि मुकदमा चलाने के लिए इजाजत लेने की जरूरत तब होती है जब पूरा अपराध भारत के बाहर हुआ हो। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि यहां अपराध प्रक्रिया संहिता की 188 तभी लागू होगी जब संपूर्ण अपराध भारत के बाहर किया गया हो। इस मामले में अपराध इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में भी हुआ है। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अपराध में उद्देश्य की समानता के आधार यह तर्क भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता कि यह अपराध एक सतत अपराध नहीं है। जहां तक सजा की अवधि का सवाल है तो तीन साल से अधिक की सजा वाले अपराध के लिए मुकदमा चलाने पर कोई रोक नहीं है। इस मामले में पांच साल की सजा का प्रावधान है।
सुनवाई के दौरान बृजभूषण की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि लगभग सभी शिकायतकर्ताओं ने सांस चेक करने के बहाने से छूने का आरोप लगाया है, लेकिन किसी ने भी इस नियम पर सवाल नहीं उठाया। उन्होंने आरोपों की गंभीरता पर कहा कि कानून के मुताबिक आरोप तय करते वक्त आरोपित की गंभीरता पर जांच नहीं की जा सकती है। बृजभूषण की तरफ से शिकायतकर्ता द्वारा बयान बदले जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बृजभूषण के ऊपर आरोप तब लगाए गए जब धरना-प्रदर्शन हुआ, जो कि असलियत से बिल्कुल परे है।

1 सितंबर को सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की ओर से वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवर साइट कमेटी नियमों के हिसाब से नहीं बनाई गई थी। उन्होंने कहा था कि जिन आरोपों के तहत चार्जशीट दाखिल हुई उसी के तहत आरोपित के खिलाफ आरोप तय होने चाहिए।

7 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 15 जून को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। कोर्ट ने 20 जुलाई को बृजभूषण शरण सिंह और सह आरोपी विनोद तोमर को जमानत दी थी।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने