उतरौला(बलरामपुर)
बजाज चीनी मिल इटई मैदा में गेंदा सिंह गन्ना प्रजनन एवं अनुसंधान संस्थान सेवरही कुशीनगर से आए डॉक्टर विनय मिश्रा कीट रोग वैज्ञानिक एवं वाई पी भारती पादप रोग विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा मिल परिक्षेत्र के ग्राम महुआ इब्राहिम, गुमड़ी, गिद्धौर, चमरूपुर, दुभरा में कृषकों के गन्ना फ़सल का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के उपरांत ग्राम दुभरा में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया ,जिसमें कृषक सहसराम, दु:खी, कल्लू वर्मा, नोहर, राम विचारे आदि कृषक मौजूद रहें। डॉक्टर विनय मिश्रा ने किसानों को बताया कि गन्ना प्रजाति को.0238 अब लाल सड़न रोग से ग्रस्त हो चुकी है। अतःकिसान भाई समय रहते बीज बदलाव कर लें तथा इसके स्थान पर गन्ना प्रजाति को.0118,कोलख 14201 को.15023,को.शा.98014 (जल भराव वाले क्षेत्र में) की बुवाई करें। गन्ना प्रजाति copk-5191 की बुवाई किसी भी दशा में ना करें। बुवाई से पूर्व ट्राइकोडर्मा से भूमि उपचार व थायोफिनाइट मिथाइल से बीज उपचार करना ना भूलें तथा रोग ग्रस्त खेत में फसल चक्र अपनायें अर्थात एक वर्ष तक उस खेत में गन्ने की बुवाई ना करें। महाप्रबंधक गन्ना संजीव शर्मा ने बताया कि भूमि शोधन व बीज उपचार के लिए कवकनाशी दवाएं चीनी मिल द्वारा अनुदानित दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है। तथा बीज बदलाव हेतु घर-घर बीज हर घर बीज योजना के अंतर्गत किसानों को नवीनतम वैकल्पिक गन्ना प्रजातियों का बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
किसान भाई अपनी किसी भी समस्या के समाधान हेतु 24 घंटे मिल स्थित गन्ना क्लीनिक में संपर्क कर सकते हैं। भ्रमण उपरान्त बैज्ञानिकों द्वारा गन्ना टीम को लाल सड़न रोग के उन्मूलन के संबंध प्रशिक्षित भी किया गया जिसमें इकाई प्रमुख राकेश यादव,महाप्रबंधक गन्ना संजीव कुमार शर्मा,कम्युनिकेशन प्रबंधक केपी सिंह,सहायक महाप्रबंधक गन्ना आर एस मिश्रा,योगेश त्रिपाठी प्रबंधक गन्ना,विजय पाण्डेय अपर प्रबंधक गन्ना,रघुराम यादव प्रबंधक गन्ना,बृजेश प्रताप सिंह प्रबंधक गन्ना,रामायन पाण्डेय एवं समस्त स्टाफ ने भाग लिया।
असगर अली
उतरौला
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