वृन्दावन।सेवाकुंज-इमलीतला क्षेत्र स्थित आचार्य पीठ में श्रीमद्भागवत सेवा संस्थान के तत्वावधान में चल रहे अष्ट दिवसीय 49वें श्रीराधा जन्म महोत्सव एवं श्रीमद्भागवत जयंती महोत्सव के अंतर्गत संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन जानकी वल्लभ मंदिर के अध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।संत-विद्वत सम्मेलन का शुभारंभ संतों-विद्वानों ने ठाकुरश्री सत्यनारायण महाराज व ठाकुर मदनमोहन लाल महाराज के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण कल्पवृक्ष के समान है।इसकी शरण लेने वाले व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्रीमहंत अमरदास महाराज ने कहा कि ब्रज रस साम्राज्ञी श्रीराधा रानी की महत्ता ब्रज में सर्वोपरि है।उनका आश्रय लेने से प्रत्येक व्यक्ति की सभी मनोकामना निश्चित ही पूर्ण होती है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि आचार्य पीठ श्रीधाम वृन्दावन का अत्यंत प्राचीन स्थान है।यह धर्म व अध्यात्म का प्रमुख गढ़ है।यहां पिछले 49 वर्षों से निरन्तर श्रीमद्भागवत जयंती एवं श्रीराधा जन्म महोत्सव मनाया जाता है।
इससे पूर्व प्रख्यात भजन गायक बनवारी महाराज, संगीताचार्य स्वामी देवकीनंदन शर्मा, महन्त किशोरी शरण मुखिया एवं पण्डित धर्मवीर शर्मा आदि ने संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य श्रीराधा जन्म की बधाइयों का गायन किया।
संत-विद्वत सम्मेलन में आचार्य पीठाधीश्वर अध्यात्म भूषण स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज, उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सुपुत्र आशीष मौर्य, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ, आचार्य चतुर नारायण पाराशर, पूर्वप्राचार्य डॉ. रामसुदर्शन मिश्र, डॉ. रामकृपालु त्रिपाठी, धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी राधाप्रसाद देवजू महाराज, स्वामी भानुदेवाचार्य महाराज, महंत मोहिनी शरण महराज, पण्डित विजय मिश्र, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री, कार्ष्णि नागेंद्र महाराज, अमित भारद्वाज, आचार्य गोपाल भैया, पंडित रामदत्त मिश्र, आचार्य बल्लभ महाराज, रासचार्य स्वामी रामशरण महाराज, श्याम सुंदर ब्रजवासी, सुमंत कृष्ण महाराज, शिवांश भाई मिश्र, स्वामी प्रेमशरण शर्मा, भजन गायक विष्णु बावरा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन आचार्य पण्डित यशोदा नंदन शास्त्री (लालजी महाराज) ने किया।युवराज वेदांत आचार्य ने सभी आगंतुक अतिथियों का माल्यार्पण कर व ठाकुरजी का पटुका प्रसादी भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर आचार्य पीठ के पूर्व आचार्य ब्रज रमणाचार्य और किशोरी रमणाचार्य महाराज का भी पावन स्मरण किया गया।
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