वृन्दावन।गोविंद घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित बड़ा रासमंडल) में श्रीराधा रानी का छठी महोत्सव श्रीमहंत लाडली शरण महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत श्रीराधा रानी के श्रीविग्रह का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पंचामृत से अभिषेक किया गया।साथ ही उन्हें दिव्य श्रृंगार धारण कराकर 56 भोग निवेदित किए गए।
इस अवसर पर श्रीराधावल्लभीय समाज मुखिया आचार्य राजेश दुबे की मुखियायी में संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य मंगल बधाई समाज गायन किया गया।जिसमें सखियों के द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गई।इसके अलावा रुपए-कपड़े, मेवा-मिष्ठान, खेल-खिलौने आदि लुटाए गए।
मलूक पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित बड़ा रासमंडल) श्रीधाम वृन्दावन का अति प्राचीन एवं दिव्य स्थल है।यहां श्रीराधा रानी का प्रत्येक उत्सव श्रीराधावल्लभ सम्प्रदाय की परम्परानुसार अत्यन्त विधिविधान एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर विजयदास भैयाजी महाराज (बल्लभगढ़ वाले), महामंडलेश्वर सच्चिदानंद शास्त्री, चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ, रसिया बाबा महाराज, आचार्य मारूतिनंदन वागीश, डॉ. मनोज मोहन शास्त्री, महन्त जगन्नाथदास शास्त्री, महन्त गोपीकृष्ण दास, डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, रासाचार्य देवेन्द्र वशिष्ठ, पण्डित रामप्रकाश भारद्वाज "मधुर", राधावल्लभ वशिष्ठ, प्रिया शरण वशिष्ठ, डॉ. हरेकृष्ण शर्मा "शरद", स्वामी भुवनेश्वर वशिष्ठ, डॉ. राधाकांत शर्मा, विपिन बापू, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री, महन्त किशोरी शरण हरिदासी, हितप्रिया किंकरी, इन्द्र कुमार शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।सायं को मन्दिर प्रांगण में भव्य फूलों का बंगला सजाया गया।
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