भगवान श्री कृष्ण की माखन चोरी एवं पूतना वध कथा प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रोता
श्रीमद्भागवत कथा का हो रहा आयोजन कथा सुनकर भक्त हुए आनंद विभोर
श्री राधा कृष्ण के
जय करें से गूंज उठा पंडाल
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा ।बशीरगंज भूपराज गली स्थित एम एम लान में बनारस से आए कथावाचक गंगाचार्य महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराया जा रहा है,कथा में दोपहर से ही श्रद्धालुओं का पंडाल में आना शुरू हो जाता है और श्रीमद्भागवत कथा का शुभांरभ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ।
श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए कथावाचक गंगाचार्य महाराज ने बताया कि कंस की कारागार में वासुदेव- देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तथा उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था।
इसलिए नंदागाव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया,श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया।
कृष्ण जन्म की खुशी में कथा स्थल को विशेष रूप से सजाकर माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया तथा भक्तों ने झूमकर नंदोत्सव मनाया और श्री कृष्ण का जय कारा लगाया, श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन रविवार को कथावाचक गंगाचार्य महाराज ने श्रोताओं को श्री कृष्ण भगवान की माखन चोरी एवं पूतना वध कथा प्रसंग सुनाया।
कथावाचक ने कथा के माध्यम से बताया कि श्री कृष्ण ने अपने बाल सखाओं के साथ गांव में गोपियों के घरों में घुसकर चुरा चुरा का माखन खाया और अपने बाल सखा को भी खिलाया अनेकों लीला किया,मथुरा में कंस के राज्य में भेजे जाने वाले दूध माखन पर रोक लगा दी तथा गोपियों की दूध माखन की मटकी को फोड़ दिया ।
श्री कृष्ण भगवान की बाल लीलाओं को भी प्रस्तुत किया, श्री कृष्ण भगवान को मरवाने के लिए राजा कंस के द्वारा पूतना सहित अनेकों राक्षसों को भिजवाया गया जिनका श्रीकृष्ण भगवान ने वध कर गांव के लोगों की सुरक्षा की, श्रीमद् भागवत कथा में सोमवार को रुक्मिणी विवाह तथा आगामी 13 सितम्बर को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
इस दौरान अंकित श्रीवास्तव,श्रवण निगम,सचिन श्रीवास्तव, अर्पित श्रीवास्तव, शेखर श्रीवास्तव, शिवम श्रीवास्तव, दुर्गेश सोनी,लव निगम,किरन श्रीवास्तव,शशी श्रीवास्तव, रेशमा श्रीवास्तव, महिमा श्रीवास्तव, जूली रस्तोगी,दिव्या श्रीवास्तव, गीता श्रीवास्तव सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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