वृन्दावन।रुक्मिणी विहार रोड़ (निकट केशव धाम) स्थित भागवत पीठ आश्रम में सत्य सनातन सेवार्थ संस्थान (रजि.) के द्वारा ब्रज विभूति परिव्राजकाचार्य स्वामी ब्रजरमणाचार्य महाराज व विद्वत शिरोमणि भागवत भूषण आचार्य पीठाधिपति स्वामी किशोरीरमणाचार्य महाराज की स्मृति में 47 वां श्रीमद्भागवत जयंती एवं श्रीराधा जन्म महोत्सव आचार्य पीठाधीश्वर भागवत प्रभाकर आचार्य मारुतिनंदन "वागीश" महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत श्रीमद्भागवत मूलपाठ, अष्टोत्तरसहस्त्र तुलसी अर्चना, नवोदित प्रवक्ता प्रतियोगिता, वरिष्ठ जन सम्मान समारोह, वृहद संत-विद्वत सम्मेलन एवं भजन संध्या आदि के कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए।
संत-विद्वत सम्मेलन में श्रीहरदेव पीठाधीश्वर जगद्गुरु जीयर स्वामी देवनारायणाचार्य महाराज ने कहा कि रासेश्वरी श्रीराधा रानी योग-योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति हैं।उनकी कृपा पाए बिना ब्रज में वास पाना देवताओं के लिए भी दुर्लभ है।
आनंदम धाम पीठाधीश्वर सदगुरु ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि हम यदि अभी 100 जन्म और भी ले लें,तो भी हम ब्रज की अधिष्ठात्री सर्वेश्वरी श्रीराधा रानी के नाम तत्व पर विचार रखने की सामर्थ्य नहीं जुटा पाएंगे।स्वयं भगवान श्रीकृष्ण जिनके चरणों में आश्रय लेते हैं,उनके नाम तत्व पर कुछ कह पाना प्राणी मात्र की सामर्थ्य से बाहर है।
श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि मनुष्य के कल्याण के लिए यदि कोई सर्वोत्तम ग्रंथ है,तो वो श्रीमद्भागवत महापुराण है।इसका श्रवण, वाचन एवं अध्ययन तीनों ही मंगलकारी व कल्याणकारी है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि आचार्य पीठाधीश्वर भागवत प्रभाकर आचार्य मारुतिनंदन "वागीश" महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य थाती हैं।वे अपने संस्थान के द्वारा जो विश्वभर में सेवा कार्य कर रहे हैं,वो अति प्रशंसनीय है।
महोत्सव के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में के. डी. मैडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, अध्यात्म के क्षेत्र में प्रमुख धर्माचार्यों अच्युत लाल भट्ट एवं कला के क्षेत्र में प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद आदि का सम्मान करके उन्हें " बैकुंठ वासी भागवत भूषण स्वामी श्रीकिशोरी रमणाचार्य प्रज्ञा रत्न" से अलंकृत किया गया।साथ ही प्रवचन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 20 नवोदित भागवत प्रवक्ताओं को प्रशस्ति पत्र व पारितोषक देकर उनका उत्साह वर्धन किया गया।
इस अवसर पर संत प्रवर गोविंदानंद तीर्थ महाराज, पुराणाचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री, पण्डित चतुरनारायण पाराशर, पूर्व प्राचार्य डॉ. राम कृपालु त्रिपाठी, आचार्य रविशंकर पाराशर "बवेले", महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, धर्मरत्न स्वामी बलरामाचार्य महाराज, पूर्व प्राचार्य डॉ. राम सुदर्शन मिश्र, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, आचार्य वल्लभ महाराज, आर. एन. द्विवेदी उर्फ राजू भैया, पण्डित योगेश द्विवेदी, डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य गोपाल भैया, संगीताचार्य बनवारी महाराज, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री, रासाचार्य स्वामी भुवनेश्वर वशिष्ठ, आचार्य नरोत्तम शास्त्री, चैतन्य किशोर कटारे, अच्युत कृष्ण पाराशर, आचार्य कृष्णा त्रिपाठी, उमेश सिरोही (न्यायाधीश), राजेंद्र बंसल, निहारिका बंसल, अजीत तिवारी, रेखा तिवारी, दिव्यांश केसरवानी, प्रवीण आहूजा, जोगेंद्र आहूजा, दिनेश कोठारी, एडवोकेट अरुण आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संचालन पण्डित बिहारीलाल शास्त्री ने किया।महोत्सव के व्यवस्थापक युवराज श्रीधराचार्य महाराज ने सभी विद्वानों का पटुका ओढ़ाकर एवं प्रसादी भेंटकर स्वागत किया।
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