उतरौलत (बलरमपुर)
बुधवार को उतरौला के ग्राम अमया देवरिया में दरगाह हज़रत अब्बास पर अंजुमन ए हुसैनिया के बैनर तले एक मजलिसे अज़ा बरपा हुई। मजलिस को मौलाना ज़ायर अब्बास ने खिताब किया। मजलिस का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से किया गया।
मजलिस से पूर्व अली अम्बर रिज़वी, साजिब रिज़वी, आलम मेहंदी, मीसम उतरौलवी, सदाकत उतरौलवी, मोनिस रिज़वी, कामिल हाशमी आदि ने अपना कलाम पेश किया। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने मेयारे इज़्ज़त बताया कि अल्लाह के नज़दीक मेयारे इज़्ज़त तालीम है, जिहाद है, ईमान है और खौफे परवरदिगार है। खौफे परवरदिगार सबसे ज़्यादा कर्बला वालों में पाया जाता था। अंत में मौलाना ने कर्बला के 72 शहीदों का मसाएब बयान किया जिससे मजलिस में बैठे सभी की आंखे नम हो गई। बाद मजलिस कर्बला के शहीदों की याद में 72 ताबूत व शबीहे ज़ुलजना दरगाह हजरत अब्बास अलमदार से बरामद हुआ जिसकी ज़ियारत कराई गई। जिसका तार्रुफ मौलाना जमाल हैदर हल्लौरी ने कराया।
बाद ज़ियारत मुकामी अंजुमन ने नौहाखानी वा सीनाज़नी की। जिसमें उतरौला, रेहरा माफी, बजहा, रैगांवा, पिपरा, गोपीभारी, चम्पापुर, तुलसीपुर, बलरामपुर, गोंडा, हल्लौर, मीरपुर, सादुल्लाहनगर, से आए हुए हज़ारों की संख्या में लोग मौजूद रहें।
असगर अली
उतरौला
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