उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां लोक भवन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक श्री परमेश्वरन अय्यर के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। भेंट के दौरान प्रदेश के पोटेंशियल व सम्भावनाओं के अनुरूप समग्र विकास के लिए पारस्परिक सहयोग और भावी कार्ययोजना पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश आगमन पर विश्व बैंक के प्रतिनिधिमण्डल का अभिनन्दन करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश असीम सम्भावनाओं का प्रदेश है। ऐसे में विश्व बैंक के साथ जुड़ना, राज्य के लिए लाभकारी और फलदायी साबित होगा। उत्तर प्रदेश आज नियोजित प्रयासों से बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आकर देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बन चुका है। नीति आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश अपनी साढ़े पांच करोड़ आबादी को गरीबी रेखा से बाहर लाने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 96 लाख से अधिक एम0एस0एम0ई0 इकाइयां संचालित हैं, जो प्रदेश में रोजगार सृजन करने के साथ ही यू0पी0 को एक्सपोर्ट का हब बना रही हैं। विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने अपना निर्यात दोगुना करने में सफलता पायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सम्भावनाओं का प्रदेश है। यहां पर भारत की 16 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, जो प्रदेश को देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता और श्रम बाजार बनाती है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश भारत की संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना का केन्द्र भी है। प्रदेश इस दिशा में कार्य करते हुए अपनी विरासत और प्राचीन नगरों को सहेज रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने विश्व बैंक की टीम के साथ प्रदेश के बदले औद्योगिक परिवेश की चर्चा करते हुए कहा कि विगत फरवरी माह में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश को 36 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। आगामी कुछ महीनों में निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करने जा रहे हैं। इसमें 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेश में इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। लैण्डलॉक राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश इनलैण्ड वॉटर-वे के माध्यम से वाराणसी से हल्दिया तक जुड़ चुका है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में चलायी गई नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से आज गंगा नदी का जल स्वच्छ और निर्मल हुआ है। उत्तर प्रदेश भारत में शिक्षा का भी केन्द्र रहा है। वाराणसी और प्रयागराज जैसे नगर शिक्षा के बड़े केन्द्र रहे हैं। आज प्रदेश में कई विश्वविद्यालय, 02 आई0आई0टी0, 01 आई0आई0एम0 सहित अनेक प्रोफेशनल संस्थान मौजूद हैं। प्रदेश नॉलेज हब के रूप में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप आज जब देश 05 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की ओर बढ़ चुका है, ऐसे में उत्तर प्रदेश ने भी अपनी भूमिका तय करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर बनाने का निर्णय लिया है। आज का उत्तर प्रदेश भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करने के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश सिर्फ ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में ही नहीं, बल्कि ईज़ ऑफ लिविंग में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले 06 वर्षों में प्रदेश में 02 करोड़ 61 लाख घरों में शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से 54 लाख लोगों को घर, आयुष्मान भारत योजना के जरिए 06 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भूमि है। इस भूमि पर हजारों वर्ष तक रामराज्य स्थापित रहा है। आज उत्तर प्रदेश एक बार फिर रामराज्य की ओर बढ़ चुका है। रामराज्य का अर्थ है सरकार की योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव लोगों तक पहुंचाया जाए, जो आज उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक श्री परमेश्वरन अय्यर ने विगत 06 वर्षों में प्रदेश के समग्र विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री जी की सराहना की। उन्होंने कहा कि समूह में शामिल कई प्रतिनिधि एक दशक पहले उत्तर प्रदेश आ चुके हैं। विश्व बैंक का प्रतिनिधिमण्डल महाराष्ट्र और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश आया है। इस प्रतिनिधिमण्डल में दुनिया के 100 ताकतवर देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक का मिशन हमेशा से गरीबी उन्मूलन का रहा है। अब पर्यावरण संवर्धन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश इस दिशा में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप अवस्थापना विकास, औद्योगीकरण, कूड़ा निस्तारण, गरीबी उन्मूलन, नियोजित शहरीकरण, पर्यावरण संरक्षण आदि सेक्टर में बीते 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश को नया कलेवर दिया गया है। आज उत्तर प्रदेश जिस तरह सेक्टरवार जरूरतों के मुताबिक कार्ययोजना तैयार कर कार्य कर रहा है, वह देश के सबसे बड़े प्रदेश में व्यापक बदलाव लाने वाला है।
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