जौनपुर। मठाधीषों के चक्रव्यूह में फंसते जा रहे उम्मीदवार
जौनपुर। नगर निकाय चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की भाग दौड़ तेज हो गई है। मौसम के मिजाज की तरह राजनीतिक मिजाज भी बदल रहा है। मतदाताओं की खामोशी प्रत्याशियों को बेचैन कर रही है।
विभिन्न राजनेतिक दलों के उम्मीदवार सुबह-शाम क्षेत्र में नियमित रूप से भ्रमण कर मतदाताओं को अपने पक्ष में बनाने की कवायद कर रहे हैं। उधर मठाधीशों के मायाजाल में भी उम्मीदवार फंसे हुए हैं। जिले में नगर पालिका परिषद सहित अन्य नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में चार मई को मतदान होना है। राजनीतिक दल इस चुनाव में पूरी ताकत से भाग लिए हैं। सभी दलों ने अपने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। सभी उम्मीदवार चुनावी समर पूरे दम खम के साथ कूद पड़े हैं। चुनाव भी धीरे-धीरे चरम पर चढ़ती हुई दिखाई दे रही है। अब सभासदों और अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों का कार्यालय भी खुल रहे है। कार्यलय खुल जाने के बाद माहौल चुनावी रंग में पूरी तरह रंगता नजर आने लगा है। चुनाव में मठाधीशों की अपनी चाल होती है। वह उम्मीदवारों को अंगुली पर नचाने में लगे हैं। इस दौरान क्षेत्रीय छुटभैया मठाधीशों के तेवर पहले से अधिक सख्त हो गए हैं। अध्यक्ष से लेकर सभासद पद तक वोटों की ठेकेदारी का दावा करते हुए वे बूथ पर मत गिन लेने पर भी बल देने लगे हैं। हर दिन रही चाल के बीच यह अपने क्षेत्र में समीकरण बनाने और बिगाड़ने दोनों का दावा कर रहे हैं। उनके माध्यम से अपना हित साधने वाले प्रत्याशी भी इन पर पैनी नजर लगाए हुए हैं। पिछले दरवाजे से शाम को उनके और समर्थकों का मूड बनाने वाले पेय पदार्थ का इंतजाम भी कहीं कहीं दिखाई देने लगा है। खुलेआम मुर्गा, मीट और शराब से परहेज की जा रही है। लेकिन पिछले दरवाजे से इसका प्रबंध होता हुआ दिखाई देने लगा है। आदर्श आचार संहिता के अनुपालन के लिए प्रशासन द्वारा लाख प्रयास किया जाए, लेकिन सुबह से शाम तक अपने लक्ष्य को यह छुटभैया मठाधीश पूरा कर ही ले रहे हैं। चंद दिन की बात सोचकर प्रत्याशी भी इन्हें नाराज कर अपना माहौल खराब नहीं करना चाहते।
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