प्रथम चरण के नगर निकाय चुनाव की तिथि करीब आ रही है, 4 मई को मतदान होना है। अब कुछ ही दिन शेष रह गए है।
नगर सरकार में अपनी जगह बनाने के लिए चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, 4 मई को होने वाले प्रथम चरण के मतदान के लिए नगर पालिका के 25 वार्डों में प्रचार प्रसार के शोर से नगर गुलजार है। प्रत्याशी मतदाताओं की गोलबंदी के लिए सुबह से शाम तक मतदाताओं के द्वार पर खड़े नजर आ रहे है।
कोई जात- धर्म का तो कई अपनी स्वच्छ छवि का हवाला देकर एक बार मौका के लिए उनसे गुहार लगा रहे है। सभी प्रत्याशी अपने प्रचार में जी जान से जुटे गए है। हर प्रत्याशी अपना सर्वस्व न्यौछावर करने में लगा है।
*मतदाता भी डाल रहे गुगली*
मतदाता उम्मीदवारों को हम तुम्हारे हैं कहकर गुगली डाल रहे हैं। अब इस गुगली पर कौन आउट होता है या कौन छक्का लगाता है ।यह आने वाला समय बताएगा। वैसे तो कहा गया है राजनीति में सब जायज है। आखिर सब अपने हैं तो वोट किसको दें। मतदाता उम्मीदवारों को आश्वासन दे रहे हैं कि हम तुम्हारे हैं। अब के समय में जागरूकता बढ़ने से मतदाता समझदार हो गए हैं। समझदारी के प्रमाण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके द्वार या दुकानों पर आने वाले उम्मीदवारों को मतदाता स्वयं को हम तुम्हारे हैं कहकर भरोसा दे रहे हैं। मतदाताओं का आश्वासन लेकर उम्मीदवार आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं, लेकिन मतदाता के दिमाग में क्या चल रहा है यह तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे। उम्मीदवार सहित समर्थक जहां डोर-टू-डोर वोट मांगते दिखाई पड़ रहे हैं, वहीं देर रात को भी उम्मीदवार और समर्थक गोपनीय तरीके से मतदाताओं को रिझाने के लिए सेंधमारी में जुटे हैं।
*राजनीति का ऊंट किस ओर लेगा करवट, यह भविष्य के गर्भ में*
चुनावी रण में उतरे नेता विपक्षी दलों से टिकट न पाने वाले असंतुष्टों की ड्योढ़ी पर रात के अंधेरे में जाकर समर्थन पाने की जुगत में जुटे हैं। इन रुठों को अपने पक्ष में करने के फार्मुले अपनाए जा रहे हैं। रात के अंधरे में जब इनकी दुखती रग पर हाथ रखा जा रहा है तो टिकट न पाने वालों के चेहरे पर चुनाव न लड़ पाने की पीड़ा साफ झलक रही है। ऐसे लोगों को साधने के लिए सभी दल व निर्दल हाड़तोड़ कोशिश कर रहे हैं। टिकट पाने की ललक में पिछले करीब एक साल में बड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा में एक बड़ी धनराशि खर्च होने के बाद भी खाली हाथ रहे नेताओं द्वारा पर्दे के पीछे की ये सियासत किसे कितना लाभ और नुकसान दिलाएगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा। ऐसे में ये असंतुष्ट अपनी पार्टी के प्रति कितने निष्ठावान होंगे, यह कोई नहीं जानता । राजनीति का ऊंट किस ओर करवट लेगा ये भविष्य के गर्भ में है।
*किसके सर होगा पालिका अध्यक्ष का ताज, गर्म है चर्चाओं का बाजार*
चुनावी शोर और उम्मीदवारों के तेज जनसंपर्क अभियान के बीच नगरपालिका अध्यक्ष पद का ताज किसे मिलेगा, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हर कोई अपने अपने हिसाब से अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के मतों की गणना करते हुए उनके जीत के दावे प्रस्तुत कर रहे है।
अध्यक्ष पद के लिए दो नामों की चर्चा जोर पर है वहीं ज्यादातर उम्मीदवारों के नाम एक क्षेत्र विशेष तक ही सिमटकर रह गया है। फिलहाल वोटरों को 4 मई का इंतजार है।
असगर अली
उतरौला
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