*4 साल की उम्र में गुरुद्वारे में सत्संग से इंडियन आइडल तक का सफर*
*अयोध्या*
अयोध्या के लाल ऋषिराज सिंह ने इंडियन आइडल 13 जीतकर कमाल कर दिया है. अब लाइमलाइट में आए ऋषिराज सिंह का गायकी का सफर संघर्ष भरा रहा है. 4 साल की उम्र में गुरुद्वारे से शुरू हुए गायकी के संघर्षमय इस सफर ने ऋषिराज सिंह को आज इंडियन आइडल 13 के विजेता के मुकाम तक पहुंचा दिया. हुनर किसी की मोहताज नहीं होती है. यह बात साबित कर दी है अयोध्या के ऋषिराज सिंह ने. 20 साल के ऋषि राज सिंह कल इंडियन आइडल 13 के विजेता घोषित हुए तो पूरे अयोध्या में जश्न मनने लगा. गुरुद्वारे से शुरू हुए गायकी के संघर्षमय इस सफर ने ऋषिराज सिंह को आज इंडियन आइडल 13 के विजेता के मुकाम तक पहुंचा दिया ऋषिराज सिंह का गायकी का सफर जितना संघर्ष भरा रहा है, उतना ही प्रेरणादायक भी है, इसीलिए उनकी राह पर चलने वालों की कतार बननी शुरू भी हो गई है. 2 जुलाई 2003 को अयोध्या में जन्मे ऋषिराज सिंह ने संगीत की कोई शिक्षा नहीं ली है. ऋषिराज सिंह को उनके पिता ने गोद लिया था. उनके पिता भी इस चीज का जिक्र करते हुए थोड़े घबराते हैं.
गुरुद्वारे में सत्संग करते हैं माता-पिता ऋषिराज सिंह को गायकी की पहली प्रेरणा मिली घर के पास स्थित गुरुद्वारे से, जहां उनके पिता राजेंद्र सिंह और माता अंजली सिंह सेवादार हैं. अयोध्या के सीडीओ कार्यालय में कर्मचारी राजेंद्र सिंह, अपनी पत्नी अंजली के साथ गुरुद्वारे में सत्संग करते हैं. 4 साल की अल्पायु से ऋषि भी उनके साथ गुरुद्वारे जाता था। 4 साल की उम्र से ही सत्संग, फिर मंदिरों में भजन 4 साल की उम्र से ही ऋषि अपने माता-पिता के साथ सत्संग में गाने लगा. इसके बाद मंदिरों में भजन और आर्ट ऑफ लिविंग के अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होते-होते उसकी प्रतिभा निखरती चली गई. ऋषि ने 2019 में अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में एक संगीत कार्यक्रम में भी अपनी प्रतिभा बिखेरी थी. देहरादून में पढ़ाई कर रहा है ऋषि राज सिंह ने अपनी प्राथमिक और इंटरमीडियड तक की शिक्षा अयोध्या के सहादतगंज स्थित द कैंब्रियन स्कूल से की और उसके बाद एविएशन मैनेजमेंट का कोर्स करने हिमगिरि विश्वविद्यालय देहरादून चले गए. कैंब्रियन स्कूल के प्रिंसिपल जयंत चौधरी कहते है कि ऋषि के अंदर लगन भी थी और प्रतिभा भी इसीलिए उसे लगातार प्रोत्साहित किया गया. कॉलेज पहुंचा लेकिन संगीत नहीं छूटा ऋषि के पिता राजेंद्र सिंह हर पिता की तरह अपने बेटे को मेहनत करके अच्छी नौकरी करने की शिक्षा देते थे, लेकिन बेटा तो दुनिया में नाम कमाना चाहता था. यही वजह है कि देहरादून में पढ़ाई के दौरान भी ऋषि का संगीत प्रेम नहीं छूटा और उसने इंडियन आइडल में ऑडिशन दे दिया. इससे पहले वह अपने वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड करता रहता था.
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