उतरौला(बलरामपुर )
उतरौला के मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत में गुरुवार शाम सालाना जलसे का आयोजन किया गया।
 इसमें 2 तलबा ने मुफ्ति, 9 ने आलिम, 9 तलबा ने फज़ीलत, 14 तलबा ने दर्जा ए किरात (कारी),और 19 तलबा ने हिफ्ज़, हाफिजे कुरान का कोर्स पूरा किया। जलसे में मौलाना हाशिम कानपुरी, मौलाना सैयद मोहम्मद खलीक अशरफ उर्फ गुड्डू मियां, सैयद रजा मोहिउद्दीन कादरी चिश्ती उर्फ फैजान बाबा शहरे मुंबई, जायस रायबरेली से तशरीफ लाए सैयद सलमान अशरफ अशरफी व दीगर उलेमाओं ने मुफ्ति, कारी, आलिम, फाज़िल और हाफ़िज़ को दसतार बांधकर व सनद देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व शब ए मेराज़ की एक बैठक में मुंहजबानी एक मुकम्मल कुरान सुनाने वाले 6 तलबा को मदरसा प्रबंधक अबुल हसन खान ने 5100 रुपए का नकद इनाम देकर सम्मानित किया।
मदरसा प्रबंधक अबुल हसन खान ने कहा कि अरबी- उर्दू के साथ-साथ दुनियावी तालीम भी बेहद ज़रूरी है। मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत में पिछले 16 सालों से दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम दी जा रही है। वर्ष 2007 में इस मदरसे की स्थापना की गई थी। तब से सैकड़ों तलबा यहां से मुफ्ति, आलिम, कारी व हिफ्ज़ की सनद प्राप्त कर चुके हैं। प्रदेश के अलाव कई अन्य राज्यों के तलबा इस मदरसे में तालीम याफ्ता हैं।
मदरसा सरपरस्त मौलाना हाशिम ने कहा कि मदरसे के संचालक व प्रबंधक अबुल हसन खान, सेक्रेटरी अख्तर हुसैन खान, इकबाल हुसैन खान, मोहम्मद इमरान खान की मेहनत रंग लाई है। इन्होंने दीन के काम को आगे बढ़ाया है। मदरसे में तलबा को उर्दू, अरबी की शिक्षा के साथ-साथ अंग्रेजी, हिंदी, गणित और कंप्यूटर की शिक्षा भी दी जा रही है। 
मदरसा प्रिंसिपल मुफ्ती महबूब आलम अशरफी ने कहा कि आज दसतार में तलबा को मुफ्ती, आलिम, फाज़िल व कारी, का डिग्री दिया गया है। अब ये तलबा भी किसी मौलवी की तरह इस्लाम धर्म की जानकारी देने का हक रखते हैं। उन्होंने कहा कि एक दीनी तालीम याफ्ता तलबा पूरे खानदान को संवार सकता है। 
सालाना जलसे की निज़ामत कारी नियाज कानपुरी ने किया।
सलातो सलाम के बाद मुल्क की तरक्की, खुशहाली व अमनो अमान की दुआ के बाद जलसा ए दसतार का समापन किया गया ।
इस मौके पर मदरसा उप प्रबंधक अशफाक अहमद उर्फ बेचन, मदरसा के एजुकेशन डायरेक्टर मौलाना अकरम रज़ा अलीमी, मुस्ताक प्रधान, अब्दुरर्हमान, अकबर, मोहम्मद फिरोज़, अशफाक अंसारी, मौलाना हामिद रज़ा रज़ा नूरी, मौलाना रेहान रज़ा सहित भारी संख्या में अभिभावक मौजूद रहेे।
असगरअली 
उतरौला

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