राजकुमार गुप्ता
गोवर्धन।राधाकुंड परिक्रमा मार्ग क्षेत्र स्थित श्रीराम धाम महा त्यागी आश्रम में संत शिरोमणि महंत गिरीशदास महाराज के साकेतवास के सन्दर्भ में संतों-विद्वानों के द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन सम्पन्न हुआ।जिसके अंतर्गत प्रख्यात संतों, विद्वानों व धर्माचार्यों के द्वारा उनके चित्रपट के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
महाराजश्री के परम् कृपापात्र महंत अंबिका दास महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रीश्री 1008 महंत गिरीशदास महाराज सहजता, सरलता, उदारता और परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।उन जैसी पुण्यात्माओं का तो अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है।
संत सियाराम दास महाराज ने कहा कि संत-प्रवर गिरीशदास महाराज की संत सेवा, गौ सेवा, विप्र सेवा एवं निर्धन निराश्रित सेवा आदि में अपार निष्ठा थी।इसी सब के चलते उन्होंने अपना समूचा जीवन व्यतीत किया।
महात्यागी कोमल दास नगर खालसा के संत भगवानदास महाराज ने कहा कि संत गिरीशदास महाराज समन्वयवादी व निस्पृह संत थे।सभी संप्रदायों के संत व महंत उन्हें आदर व सम्मान देते थे।वे परम भजनानंदी व विरक्त संत थे।उन जैसे संतों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
श्रृद्धांजलि सभा में पंडित रामनारायण बादल, राजनारायण बादल, आचार्य राजेंद्र पाराशर, पंडित राजेंद्र शर्मा,रामसेवक दास, केशव आचार्य, रूप नारायण मीणा (जयपुर), हरीश मीणा, मनीष मीणा, प्रभु दयाल वैद्य, दानीराम वैद्य, हरि भुवन तोमर, मनमोहन दीक्षित, नारायण दास, महंत रघुवीर दास महाराज,राघव दास, राजेंद्र पंडा,हरिभवन सिंह तोमर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर महाराजश्री को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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