उतरौला( बलरामपुर) भाजपा सरकार जहां गरीबों मजदूरों को मुफ्त इलाज कराने का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ उनके जिम्मेदार लगातार आम जनमानस का शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से बदहाल है।
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से जिम्मेदार लगातार गरीबों का शोषण करने में जुटे हैं ।
उपजिला अधिकारी उतरौला, स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ,डिप्टी सीएमओ समुदाय स्वास्थ्य केंद्र उतरौला के प्रभारी समेत टीम ने उतरौला क्षेत्र के कई हॉस्पिटल जच्चा बच्चा केंद्र व पैथोलॉजी का निरीक्षण किया गया इस दौरान सभी पैथालाजी संचालकों को डाक्टर का नाम व रेट सूची बोर्ड लगाने का निर्देश दिए गए, लेकिन इनके लाख कोशिशों के बावजूद भी अधिकतर पैथालाजी सेन्टरों पर उक्त निर्देशों का पालन नहीं किया गया।आलम यह है कि उतरौला क्षेत्र के पैथोलॉजी अल्ट्रासाउंड सहित विभिन्न जांच करा कर दूसरे जिले में ले जाकर अगर इस जांच को दिखाया जाता है तो वहां के डॉक्टर तुरंत उसे हटाकर दूसरा जांच करने को कहते हैं जिससे गरीब मरीज परेशान हो जाते हैं क्योंकि उतरौला क्षेत्र के अधिकांश पैथोलॉजी सेंटर पर कोई मानक के अनुरूप डॉक्टर नहीं हैं। तमाम पैथोलॉजी राम भरोसे पर चल रहा है उतरौला के समाजसेवी से लेकर स्थानीय नेताओं ने भी कई बार प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से इस समस्या के निदान की मांग की। इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। क्षेत्र में संचालित अधिकांश पैथोलॉजी केवल धन की उगाही का जरिया बनी हुई है पैथोलॉजी के संचालक व हॉस्पिटल जच्चा बच्चा केंद्र के डॉक्टरों की मिलीभगत के चलते ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों का लगातार दोहन की जा रही है जहां गरीब सरकारी अस्पताल में इस उम्मीद पर जाता है कि हमको वहां पर मुफ्त और अच्छा इलाज हो जाएगा जिससे हम स्वस्थ हो जाएंगे लेकिन स्थित जस की तस है और जिम्मेदार अपने कमाई के चक्कर में सरकार के उद्देश्यों पर पानी फेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं।
सूत्रों की माने तो अल्ट्रासाउंड पर मोटी रकम डॉक्टरों व आशा बहुओं को कमीशन के रूप में दिया जाता है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद भी इस पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है।
असगर अली
उतरौला
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