राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।वृन्दावन,नगर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी का नाम राष्ट्रीय स्तर पर ब्रज से सम्बन्धित उत्कृष्ट लेखन के लिए एक जाना-पहचाना नाम है।वह पिछले लगभग 40 वर्षों से इस क्षेत्र में पूर्ण शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं। उन्होंने लेख,कविता,कहानी,संस्मरण,यात्रा वृत्तांत, रिपोर्ताज एवं साक्षात्कार आदि विधा में जमकर लिखा है और लिख रहे हैं। इन विधाओं में उनकी अब तक कई पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं: "ब्रज वैभव","आत्म मंथन","संस्मरण माला" एवं "मेरी कविताएं"।इसके अलावा उनकी कई अन्य पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं।डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने वृन्दावन शोध संस्थान में केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित "ब्रज संस्कृति विश्व कोश परियोजना" में सह संपादक के पद पर कार्य करके ब्रज संस्कृति की अविस्मरणीय सेवा की है। इसके अलावा वह स्वयं द्वारा संचालित श्रीहित परमानंद शोध संस्थान के माध्यम से ब्रज के प्रख्यात वाणीकारों के साहित्य का संरक्षण करके उसे प्रकाशित भी कर रहे हैं। उनके द्वारा लिखित ब्रज सम्बन्धी एक हजार से भी अधिक रचनाएं देश-विदेश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।उनके द्वारा लिखे लेखों के अनुवाद न केवल अपने देश की अनेक भाषाओं में अपितु विश्व की विभिन्न भाषाओं में भी प्रमुखता के साथ हुए हैं।वह दूरदर्शन,आकाशवाणी,फीचर्स एजेंसियों एवं विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं के सूचीबद्ध लेखक हैं। उन्होंने देश की कई प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में उच्च पदों पर कार्य भी किया है।
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ब्रज सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं।इस संस्थान के द्वारा समाजसेवा के विभिन्न सेवा प्रकल्प संचालित किए जा रहे हैं।इसके अलावा वह वृन्दावन की कई अन्य समाजसेवी संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी हिन्दी सेवी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से संबद्ध हैं।उनके एक पितामह स्व. पंडित सिद्धगोपाल चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। साथ ही वह राजनेतिक कैदी के रूप में कई वर्षों तक विभिन्न जेलों में रहे।इस सबके चलते इनके पूरे परिवार को आए दिन ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों को सहना पड़ा।डॉ. गोपाल चतुर्वेदी के दूसरे पितामह स्व. पंडित सियाराम चतुर्वेदी ने ब्रिटिश काल में राष्ट्र भाषा हिन्दी के उन्नयन हेतु अनेकानेक कार्य किए। उनके ही अथक प्रयासों से महाकवि देव की जन्म स्थली कुसमरा (मैनपुरी) में "महाकवि देव स्मारक" की स्थापना हुई।डॉ. गोपाल चतुर्वेदी के ताऊ प्रोफेसर स्व. जगत प्रकाश चतुर्वेदी व पिता स्व. वेदप्रकाश चतुर्वेदी भी हिन्दी के जाने माने साहित्यकार थे।अत: इनको साहित्य सृजन के संस्कार अपने पूर्वजों से विरासत में मिले हैं। इसलिए वह अपनी 13-14 वर्ष की अल्पायु में ही शब्दों की दुनियां में आ गए थे।
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी की लेखनी समाज प्रबोधन का पुनीत कार्य कर रही है। चूंकि ब्रज उनके दिल में बसता है इसलिए वह ब्रज सम्बन्धी लेखन के आकाश हैं। उनका लेखन सउद्देश्य है, इसलिए वो प्रेरणाप्रद भी है व ऊर्जाप्रद भी है।
ब्रज की माटी की सुगन्ध उनकी भाषा शैली में स्पष्ट दृष्टि गोचर होती है।उनका साहित्य भगवान श्रीकृष्ण एवं उनके सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर केंद्रित है।वह ब्रज के गौरव हैं और ब्रज संस्कृति की पहचान भी हैं।
सम्मान व पुरुस्कार
1 - विक्रम शिला हिन्दी विद्यापीठ,भागलपुर (बिहार) के द्वारा "विद्या वाचस्पति", "विद्या सागर" एवं "भारत गौरव" सम्मान।
2- वृन्दावन के फोगला आश्रम में सम्पन्न हुए अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन में दरभंगा (बिहार) के सांसद गोपालजी ठाकुर द्वारा "मिथिला रत्न सम्मान"।
3- कानपुर की प्रख्यात साहित्यिक संस्था "मानस संगम" के स्वर्ण जयंती समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश श्री रमेशचंद्र लाहौरी एवं पश्चिम बंगाल के तत्कालीन राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा सम्मान।
4- कानपुर की प्रख्यात साहित्यिक संस्था "अनमोल रत्न सेवा संस्थान" के वार्षिक समारोह में तत्कालीन औद्योगिक विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश श्री सतीश महाना द्वारा "संतोष साक्य स्मृति सम्मान"।
5- श्रीकृष्ण लीला संस्थान, वृंदावन द्वारा प्रख्यात रासाचार्य व तत्कालीन विधायक पद्मश्री स्वामी रामस्वरूप शर्मा द्वारा "भाई शिवशंकर रामचन्द्र तुलस्यान स्मृति पुरुस्कार"
6- ब्रजनिधि सेवा ट्रस्ट द्वारा उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष श्री केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा "स्वामी मेघश्याम शर्मा स्मृति सम्मान"।
7- ब्रज कला केंद्र, मथुरा द्वारा प्रख्यात संत श्री विजय कौशल महाराज द्वारा "स्व. शिवचरण लाल मीतल ब्रज साहित्य पुरुस्कार" एवं "माताश्री मुन्नीदेवी मीतल पत्रकारिता पुरुस्कार"।
8- प्रख्यात टीवी चैनल "भावना" के द्वारा मथुरा के तत्कालीन सांसद कुंवर मानवेन्द्र सिंह द्वारा "भावना उत्कृष्टता सम्मान"।
9- धामपुर (उत्तर प्रदेश) की प्रख्यात साहित्यिक संस्था "अभिव्यक्ति" के द्वारा "मानवाधिकार प्रहरी सम्मान" व "स्नेह पुंज सम्मान"।
10- इंदौर की प्रख्यात साहित्यिक संस्था "श्रीश्री साहित्य सभा के द्वारा "साहित्य शिखर सम्मान"
11- वृन्दावन बाल विकास मंच के द्वारा "विशिष्ट सेवा सम्मान"।
12- शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की प्रख्यात साहित्यिक संस्था "प्रेरणा परिवार" के द्वारा "साहित्य सारंग सम्मान"। 13- झुंझुनूं (राजस्थान) की "आदर्श समाज समिति इंडिया" के द्वारा " गांधी सेवा रत्न अवॉर्ड"।
14- ब्रजवासी जगद्गुरु परिषद,वृन्दावन के द्वारा "गीता रत्न सम्मान"।
15- साहित्य मंडल,नाथद्वारा (राजस्थान) के द्वारा राजस्थान ब्रज भाषा अकादमी, जयपुर के तत्कालीन अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेन्द्र उपाध्याय द्वारा "पत्रकार प्रवर सम्मान"।
16- अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा,वृन्दावन द्वारा "पत्रकार शिरोमणि" की उपाधि से अलंकृत।
17- ब्रह्म कीर्ति रक्षक दल, नई दिल्ली के द्वारा "लोकतंत्र स्तंभ पत्रकार सम्मान"।
18- नगर पालिका परिषद, मैनपुरी के द्वारा " विशिष्ट नागरिक सम्मान"।
19- श्रीहित परमानंद शोध संस्थान,वृन्दावन द्वारा "श्रीराधा गोविन्द नागार्च स्मृति सम्मान"
20- पंडित हरप्रासाद पाठक स्मृति बाल साहित्यकार पुरुस्कार समिति एवं तुलसी साहित्य संस्कृति अकादमी, मथुरा द्वारा "पंडित हरप्रसाद पाठक स्मृति हिन्दी रत्न सम्मान"
21- अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा,वृन्दावन द्वारा "वामन भगवान सम्मान"।
22- एलर्ट सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी,वृन्दावन द्वारा "न्यूज मेकर्स अवॉर्ड"।
23- उत्तर प्रदेश युवा ब्राह्मण महासभा (ब्रज क्षेत्र),वृन्दावन द्वारा "प्रबुद्ध जन सम्मान"। आदि के लिए सम्मानित व पुरुस्कृत किया जा चुका है।
24- श्रीराधा सनेह बिहारी सेवा ट्रस्ट (पंजी) के द्वारा "गो. अतुल स्मृति सम्मान" ।
इनके साथ ही डॉ। गोपाल चतुर्वेदी अमरावती (महाराष्ट्र) की प्रख्यात साहित्यिक संस्था "अहिसास" की इंदौर (मध्य प्रदेश) इकाई
श्रीमदबल्लभाचार्य तृतीय पीठ श्रीद्वारकाधीश मंदिर,कांकरोली (राजस्थान)
श्रीहित पांच सती महोत्सव समिति वृन्दावन
श्रीश्री नरहरि सेवा संस्थान,वृन्दावन
श्री सनातन संस्कार सेवा संस्थान,वृन्दावन
श्रीकृष्ण कीर्ति फाउंडेशन,वृन्दावन
श्री हनुमत रामायण समिति,वृन्दावन
श्रीराधा नाम प्रचार सेवा समिति,वृन्दावन
रोटरी काव्य मंच, इंदौर
आदि के अलावा देश-विदेश की अनेकों संस्थानों के द्वारा सम्मानित व पुरुस्कृत किया जा चुके हैं।
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