पहाड़ी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी भागों में देखने को मिल रहा है। सोमवार को उत्तरी पश्चिमी हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे रहने के साथ ही नमी भी अधिक रही। इस वजह से तापमान में भी कमी दर्ज की गई। हवा में नमी के कारण ही लोगों ने सिहरन महसूस की।पिछले सप्ताह शनिवार को अधिकतम तापमान के 30.2 डिग्री सेल्सियस पहुंचने और धूप तीखी होने की वजह से गर्मी लगने लगी थी। ऐसा लगा जैसे कि अब गर्मी का मौसम आ गया है, लेकिन रविवार की देर शाम से ही मौसम का मिजाज बदला है। सोमवार को सुबह से ही तेज पछुआ हवाएं चल रहीं थीं। दिन में धूप तो हुई, लेकिन अन्य दिनों की तरह हवा में नमी ज्यादा होने की वजह से दिन में भी सिहरन लग रही थी। शाम को भी ऐसा ही मौसम रहा। मौसम के बदलाव का असर तापमान पर देखने को मिला। अधिकतम में चार और न्यूनतम में छह डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान सोमवार को 24.4 पहुंच गया, जो कि औसत से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान 10.5 रिकार्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में आए बदलाव का असर अभी दो से तीन दिन बने रहने की संभावना है।
पहाड़ की हवा से काशी के मौसम में बदलाव,
Bureau Chief-Varanasi Dr S C Srivastava
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