औरैया // जनपद को बासमती धान के लिए मिला जीआई टैग जो बासमती की खेती करने वाले किसानो के लिए वरदान साबित होगा क्यों कि यहाँ का वातावरण व मिट्टी बासमती धान के लिए उपयुक्त है कृषि विशेषज्ञ भी किसानों को बासमती की खेती कर लाभ कमाने की सलाह दे रहें हैं जनपद में पिछले वर्षो में बासमती धान की खेती होती आ रही है यहां के किसान बासमती धान खेती करके के अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार द्वारा जीआई टैग नहीं होने के कारण बड़े मंचों पर औरैया का नाम बासमती धान की खेती में नहीं लिया जाता था जिससे कि यहां पर बासमती धान की खरीद भी नहीं हो पा रही थी बासमती धान के जीआई टैग मिलने से किसान को उपरोक्त समस्या का समाधान हो जाएगा दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जो किसान बासमती के जगह पर अन्य प्रजाति का धान की खेती करते हैं उसमे एक एकड़ में 25 क्विंटल धान की पैदावार होती है जिसका बाजार मूल्य 1500 क्विंटल की दर से 35000 से लेकर 40000 तक आमदनी होती है यदि बासमती धान की खेती की जाए तो एक एकड़ में 20 क्विंटल पैदावार होती है जिसमें 65000 से 70000 की आमदनी होती है वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ.अनंत कुमार ने बताया कि बासमती धान की खेती करने में खर्च भी कम होता है और आमदनी अन्य किस्मों के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा होती है बासमती धान की प्रजाति पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885 एवं पूसा बासमती 1886 की खेती कर किसान लाभान्वित हो सकते हैं किसान सामान्य किस्मों को छोड़कर यदि बासमती धान की खेती करें तो और अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए समय समय पर किसानों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार
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