अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय
उतरौला बलरामपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बदहाल का शिकार है एक 100 छात्राओं के लिए महे ज 50 दिन ही उपलब्ध है एक बेड पर दो छात्राओं को सुलाया जाता है बच्चों के सोने के लिए कमरे वाले छत की स्थिति दयनीय है छत का प्लास्टर अक्सर टूट कर गिरता रहता है छात्राओं को खतरा हर वक्त बना रहता है शेष राम मोदी ने बताया कि यहां पर तैनात स्टाफ को 3 महीने का मान दे नहीं मिला है यह स्टाफ भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं नवनिर्मित पुस्तकालय के भवन अधूरा होने के कारण खिड़की व दरवाजे अभी तक नहीं लग पाए हैं और गंदगी का अंबार बना हुआ है पुस्तकालय में पुस्तकें भी नहीं है 3 फुल स्टॉप टीचर दो पार्ट टाइम्स टीचर व एक उर्दू टीचर की तैनाती है प्रभारी वार्डन सफीना इदरीश ने बताया की
कक्षा 6 कक्षा 7 व 8 में कुल सो छात्रों का पंजीकरण है बीते मंगलवार के दौरान 87 छात्राएं उपस्थित मिली स्कूल जाने वाला मार्ग अत्यंत सकरा होने के कारण दो पहिया वाहन भी आसानी से नहीं निकल सकता है छात्राओं के लिए 5 शौचालय वह तीन स्नान ग्रह बने हैं हालांकि स्कूल मैं एक मुख्य व 2 सहायक रसोईया की तैनाती है लेकिन मीनू के अनुसार भोजन नहीं बन रहा है विद्यालय में चौकीदार की तैनाती बताई गई है लेकिन उस समय वह अवकाश पर बताया गया है प्रभारी वार्डन सकीना इदरीश ने बताया की उपलब्ध से संसाधनों के सहारे छात्राओं को शिक्षा दी जा रही है।
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