उतरौला(बलरामपुर) सरकार के प्रयास से एक ओर बालश्रम रोकने व बच्चों को शिक्षित कर भविष्य सुधारने के लिए सर्व शिक्षा अभियान भी चल रहा है।
बाल मजदूरी कराते हुए पकड़े जाने पर कार्यवाही और पढ़ने वाले छात्रों को दोपहर भोजन पढ़ाई के लिए निशुल्क किताब व वजीफा भी दिया जा रहा है।इसके बावजूद मां बाप की नजर में घर परिवार की जीविका चलाने का बच्चों को मात्र संसाधन बनाकर उन्हें स्कूल भेजने के बजाय कबाड़ बीनने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
कस्बा उतरौला में विभिन्न चौराहों व गलियों में मासूम बच्चे कचरे की ढेर में पलास्टिक की बोतलें आदि इकट्ठा करने में लग जाते हैं।ये बच्चे दो तीन बच्चों की टोली बनाकर कबाड़ इकट्ठा करता है और 10-15किलो तक हो जाने पर शहर के कबाड़ी के यहां बेचकर घर चले जाते हैं।
बहरहाल जिन बच्चों के कंधे पर बैग हाथ में पेंसिल होनी चाहिए उनके हाथों में कचरा और पीठ पर कचरों से भरा बोरा लटकना समाज और व्यवस्था के लिए चुनौती है।
असगर अली
उतरौला
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