राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।
इस साल होली 08 मार्च 2023, बुधवार को पड़ रही है. होली के 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. इस बार होलाष्टक 28 फरवरी से लग रहे हैं. रंगों के इस त्योहार में माहौल में अलग ही उल्लास और चटकपन नजर आता है. चलिए जानते हैं होली और होलिका दहन की तारीख और मुहूर्त के बारे में विस्तार से.

होली के त्योहार को रंगों का पर्व भी कहा जाता है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है. इस बार होली 08 मार्च 2023, बुधवार को मनाई जाएगी. साथ ही होली से 08 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. इस बार होलाष्टक 28 फरवरी 2023, मंगलवार से लग रहे हैं. वहीं, 07 मार्च 2023, मंगलवार को होलिका दहन किया जाएगा. सनातन धर्म में फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व होली बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. 

होलिका दहन शुभ मुहूर्त

होलिका दहन तिथि- 07 मार्च 2023, मंगलवार
होलिका दहन शुभ मुहूर्त- 06 मार्च, 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट से 07 मार्च, 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक

होलिका दहन कथा

हिरण्यकश्यप नामक एक राक्षस हुआ। जिसका पुत्र हैं प्रह्लाद जी, जो भगवान विष्णु का परम भक्त हैं। वहीं हिरण्यकश्यप, भगवान नारायण को अपना घोर शत्रु मानता था। पिता हिरण्यकश्यप के लाख मना करने के बावजूद प्रह्लाद जी विष्णु की भक्ति करते रहे। असुराधिपति हिरण्यकश्यप ने कई बार अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने की भरपूर कोशिश की, किन्तु भगवान विष्णु जी की कृपा से उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान मिला था कि उसे अग्नि नहीं जला सकती। उसने अपने भाई से कहा कि वह प्रह्लाद को लेकर अग्नि की चिता पर बैठेगी और उसके हृदय के कांटे को निकाल देगी। वह प्रह्लाद को लेकर चिता पर बैठी भी, पर भगवान विष्णु की ऐसी माया कि होलिका जल गई, जबकि प्रह्लाद को हल्की सी आंच भी नहीं आई। इस प्रकार भगवान ने भक्तराज प्रह्लाद की रक्षा की व होलिका का दहन हो गया। तब से होलिका का दहन किया जाता रहा है।

कैसे किया जाता है होलिका दहन 

होलिका दहन में किसी पेड़ की शाखा को जमीन में गाड़कर उसे चारों तरफ से लकड़ी, कंडे या उपले से ढक दिया जाता है. इन सारी चीजों को शुभ मुहूर्त में जलाया जाता है. इसमें छेद वाले गोबर के उपले, गेंहू की नई बालियां और उबटन डाले जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे साल भर व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति हो और सारी बुरी बलाएं इस अग्नि में भस्म हो जाती हैं. होलिका दहन पर लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है. होलिका दहन को कई जगह छोटी होली भी कहते हैं.

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