अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में वर्षों से पदासीन लिपिक "सुशील कुमार" पर भाजपा नेता डीपी सिंह ने लगाए गंभीर आरोप। 


बलरामपुर।भ्रष्टाचार,रिश्वत खोरी,अध्यापकों व कर्मचारियों से अभद्रतापूर्ण व्यवहार तथा मदरसा प्रबंधकों से सांठ गांठ करके मदरसा कर्मचारियों को भयभीत कर मानसिक उत्पीड़न करते हुए बीआरएस लेने पर विवश करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल को ज्ञापन देकर लिपिक के असंवैधानिक कृत्यों की उच्चस्तरीय जांच और कार्यवाही की मांग की है।
       भाजपा के ज़िला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह बैस ने प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिपिक सुशील कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सुशील कुमार विगत कई वर्षों से एक ही विभाग के लिपिक पद पर कार्यरत है जिसके विरुद्ध भ्रष्टाचार,अनिमिकता,रिश्वत खोरी,उत्पीड़न और षड्यंत्रकारी कृत्यों की शिकायतों की लिस्ट लंबी होती का रही है। लिपिक का मनोबल इतना बढ़ गया है कि अब वह खुलेआम मदरसा शिक्षकों तथा कर्मचारियों से न सिर्फ डरा धमका कर रिश्वत के रूप में मोटी रकम लेता है बल्कि शिक्षकों और कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न करते हुए उनके घर अभद्रतापूर्ण व्यवहार करके सामाजिक रूप से उन्हें अपमानित भी करता है। ज्ञापन के द्वारा भाजपा नेता डीपी सिंह ने लिपिक पर यह भी आरोप लगाया कि सुशील कुमार व्यक्तिगत लाभ के रूप जहां धन उगाही करता है वहीं उसने अपने असंवैधानिक कृत्यों की सीमा लांघ मदरसा के भ्रष्ट प्रबंधकों जो कि मदरसा शिक्षा माफिया के रूप में बदनाम हैं के साथ सांठ गांठ करके सुनियोजित षड़यंत्र के तहत कूटरचित,फर्जी शिकायती तथा कार्यवाही अभिलेखों के द्वारा मदरसा अध्यापकों कर्मचारियों को जांच के नाम पर कार्यालय बुला कर डरा धमका के कार्यवाही से बचाने के नाम पर रिश्वत के रूप में धन उगाही करता है। 

      प्रभारी मंत्री को दिए गए अपने ज्ञापन में भाजपा नेता डीपी सिंह ने कहा कि सुशील कुमार के विरुद्ध मिल रही शिकायतों के अनुसार लिपिक अपने पद का दुर्पयोग कर मदरसा शिक्षकों और कर्मचारियों को स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर नौकरी निस्काशित किए जाने का भय दिखा कर प्रबंधकों से दबाव डलवा कर उन्हें इतना भयभीत करता है कि अध्यापक व कर्मचारी डर के कारण रिटायर्ड होने से पूर्व ही बीआरएस लेने पर विवश हो जाते हैं। आरोपों की माने तो लिपिक के डर और प्रबंधकों के दबाव में मजबूरी वश बड़ी संख्या में मदरसा शिक्षक एंव कर्मचारी बीआरएस ले चुके हैं। बीआरएस लेने के कारण मदरसों में खाली पदों पर मदरसा प्रबंधक विभाग के लिपिक सुशील कुमार के साथ मिल कर मदरसा बोर्ड के दिशा निर्देशों नियमों के विरुद्ध काग़ज़ी खाना पूरी करके एक मोटी रकम रिश्वत के रूप में हासिल कर नई नियुक्ति करते हैं और इस भ्रष्टाचार्य में मदरसा प्रबंधकों के साथ ही उपरोक्त कार्यालय का लिपिक मोटी रकम आपस में बांटते हैं।

      अपने ज्ञापन के द्वारा भाजपा नेता डीपी सिंह ने प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल को बताया कि लिपिक सुशील कुमार की अनियमिकताओं,भ्रष्टाचार,दुर्व्यवहार,रिश्वत खोरी से संबंधित शिकायतें की गई है परंतु कार्यवाही शून्य होने के कारण लिपिक का मनोबल बढ़ता जा रहा है। अंत में भाजपा नेता ने लिपिक सुशील कुमार के कृत्यों की उच्चस्तरीय जांच,बीआरएस लेने वाले अध्यापकों कर्मचारियों के प्रकरण की भी स्वतंत्र जांच के साथ ही तत्काल लिपिक को ज़िला अल्पसंख्यक कार्यालय विभाग से स्थांतरित कर सख़्त कार्यवाही करने की मांग प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल से की है। अब देखने वाली बात यह है कि अपनी ही सरकार में क्या अपने आरोपों की निष्पक्ष जांच और आरोपी लिपिक के विरुद्ध कार्यवाही कराने में भाजपा के मीडिया प्रभारी को सफ़लता मिलती है या सिर्फ़ प्रकरण ज्ञापन तक ही रह कर ठंडे बस्ते में चला जाता है।
उमेश चन्द्र तिवारी
 हिंदी संवाद न्यूज़
बलरामपुर 

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