90 लाख में बनवायाए मकान,50 लाख में खिसकाया गया
अयोध्या। सिक्स लेन की जद में आ रहे तीन मंजिला मकान को बिना तोड़े, 70 फीट पीछे हटा दिया गया है। जिले में इस तरह का यह पहला मामला है। ये कारनामा पंजाब की एक कंपनी ने किया है। उसने करीब 50 दिनों में मकान को लिफ्ट कर शिफ्ट करने का काम पूरा किया। मकान मालिक ने अपने सपनों के आशियाने को टूटने से बचाने के लिए यह कदम उठाया।
लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर भेलसर प्राथमिक विद्यालय के पहले शेर अफगन का तीन मंजिला मकान है। जो कि सिक्स सेन की जद में आ रहा था। मकान मालिक ने बताया कि सिक्स लेन में मकान का आधा हिस्सा टूट जाता। 2012 में उन्होंने इस मकान को 1600 वर्गफीट की जमीन पर बनवाया था, जिस पर करीब 90 लाख रुपये खर्च आए थे। आज की तारीख में इसकी कीमत ढ़ाई से तीन करोड़ रुपये होगी। मकान को खिसकाने में करीब 50 लाख रुपये का खर्च आया।
उन्होंने बताया कि वह अपने सपने के आशियाने को बचाने के प्रयास में थे। जानकारी करने पर पंजाब की कंपनी जोदा ब्रदर बिल्डिंग लिफ्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के बारे में पता चला तो उस कंपनी के मालिक से संपर्क साधा गया और उन्हें मकान को बिना तोड़े शिफ्ट करने का ठेका दिया।
कंपनी के मालिक जगजीत सिंह ने बताया कि मकान को खिसकाने में करीब 50 मजदूर व इंजीनियर लगे हैं। इसके लिए करीब 500 जैक, पहिए व अन्य जरूरी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। करीब दो महीने से काम करने के बाद मकान को लिफ्ट कर 70 फीट पीछे शिफ्ट किया जा चुका है, काम लगभग पूरा हो चुका है।
जगजीत सिंह ने बताया कि अयोध्या में बिल्डिंग शिफ्ट करने का यह पहला काम है। काम के दौरान ही छह और बिल्डिंग शिफ्ट करने का काम मिल चुका है। बताया कि हमारी कंपनी अब तक बिहार, पंजाब, राजस्थान, कोलकाता, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर 200 से अधिक भवनों को सफलतापूर्वक शिफ्ट करा चुकी है। (संवाद)
450 रुपये वर्गफीट है शिफ्टिंग का चार्ज
जगजीत सिंह ने बताया कि एक मंजिला मकान को 50 फीट तक खिसकाने में हमारी कंपनी 450 रुपये वर्गफीट का चार्ज लेती है। मंजिल के हिसाब से खर्चा भी बढ़ जाता है। 50 फीट से अधिक पीछे करने पर अतिरिक्त खर्च आता है। बताया कि अगर आपका घर एक हजार वर्गफीट का है और आप एक मीटर खिसकवाते हैं, तो इसके लिए आपको 4.50 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।
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इस तकनीक से शिफ्ट किए जाते हैं भवन
जगजीत सिंह ने बताया कि किसी भी घर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए सबसे पहले उस स्थान पर एक फाउंडेशन तैयार किया जाता है। जहां घर को ले जाना होता है। इसके बाद घर के किनारे से 5-6 लेयर मिट्टी खोदाई कर निकाल दी जाती है। जिससे टूल्स फिट करने की जगह बन जाती है। थोड़ी जगह होते ही घर को कई सारे जैक के सहारे ऊपर उठाया जाता है। घर ऊपर उठाकर उसके नीचे रोलर फिट कर दिए जाते हैं, फिर रोलरों पर घर को बड़ी ही सावधानी के साथ धीरे-धीरे खिसकाया जाता है और घर को उस स्थान पर ले जाकर रख दिया जाता है। जहां पहले से घर के लिए फाउंडेशन बना होता है।
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