मुख्यमंत्री जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय, मथुरा के
दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए

दीक्षान्त समारोह भारत की प्राचीन गुरुकुल परम्परा
में होने वाले समावर्तन समारोह का ही एक रूप : मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री जी ने कोरोना कालखण्ड में देश के नौजवानों के उज्ज्वल
भविष्य को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बनाई

शिक्षण संस्थाओं को केन्द्र एवं राज्य सरकार की
योजनाओं को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए

राज्य सरकार युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए
प्रदेश के दो करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्टफोन उपलब्ध करा रही

एम0एस0एम0ई0 ने उ0प्र0 को एक्सपोर्ट का हब बना दिया
 
विश्वविद्यालय तथा शिक्षण संस्थानों के स्तर पर ही
प्रशिक्षण की व्यवस्था कर छात्रों को तैयार करना होगा

प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि 21वीं सदी में भारत दुनिया का नेतृत्व करे, जी-20 समिट के माध्यम से भारत अपने आपको वैश्विक मंच पर स्थापित कर सकता है

जीवन में शार्टकट का रास्ता कभी सफलता की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचा सकता

प्रदेश में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा

इन्वेस्टर्स समिट में 25 सेक्टरों में होने वाला निवेश प्रदेश के
युवाओं के रोजगार के लिए अनन्त सम्भावनाओं को पैदा करेगा

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में कौशल
एवं उद्यमिता विकास केन्द्र का लोकार्पण किया

 

लखनऊ : 06 फरवरी, 2023


     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि दीक्षान्त समारोह भारत की प्राचीन गुरुकुल परम्परा में होने वाले समावर्तन समारोह का ही एक रूप है। आज दीक्षान्त समारोह दीक्षा के अन्त में आयोजित किये जाते हैं। जबकि उस कालखण्ड में परीक्षा के पूर्व छात्रों को तैयार करने तथा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए समावर्तन समारोह होते थे। तैत्तिरीय उपनिषद में समावर्तन का दीक्षा उपदेश अत्यन्त विस्तृत रूप से रेखांकित किया गया है। उसकी पंक्ति है कि ‘सत्यं वद धर्मं चर’ अर्थात सत्य बोलना है और धर्म का आचरण करना है। हमें यह गहराई से सोचना होगा कि हम अपने जीवन में सत्य का आचरण कितना कर पाते है। किसी व्यक्ति का कोई वाक्य तभी प्रभावशाली होता है, जब उस व्यक्ति के आचार और विचार में समन्वय होता है। जब व्यक्ति कहता कुछ तथा करता कुछ है, ऐसे व्यक्ति की विश्वसनीयता सदैव संकट में रहती है। समाज, देश तथा दुनिया उस पर विश्वास नहीं करती। इसलिए सत्य बोलना है और धर्म का आचरण करना है।
मुख्यमंत्री जी जनपद मथुरा के जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। स्नातक, परास्नातक तथा डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा ने धर्म को कभी उपासना विधि के साथ जोड़कर नही देखा। व्यक्ति का पूजा करना अथवा न करना, मन्दिर जाना अथवा न जाना, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है। भारतीय मनीषा ने इसके लिए कभी भी किसी को बाध्य नहीं किया, बल्कि सबको जोड़ने का कार्य किया। हमारे शिक्षण केन्द्रों का बोध वाक्य ‘आ नो भद्राः कृतवो यन्तु विश्वतः’ रहा है। अर्थात ज्ञान जहां से भी आए, उसके लिए सभी दिशाओं को खुला रखो। हमने यह कभी नहीं कहा कि हमारे किसी ग्रन्थ में ही दुनिया का सारा ज्ञान है। भारतीय मनीषा ने कभी भी अपनी बात को दूसरे पर थोपने का प्रयास नहीं किया। भारत के किसी भी प्रतिष्ठित गुरुकुल में यह नहीं कहा गया कि जो वहां पढ़ाया जा रहा है, वह ही सबसे अच्छा है। बल्कि उन्होंने माना कि जहां से भी ज्ञान प्राप्त हो सकता है, उसे अंगीकार करते हुए अपने जीवन का हिस्सा बनाये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रख्यात समाजवादी चिन्तक डॉ0 राममनोहर लोहिया ने भारत की एकता तथा अखण्डता के लिए तीन महापुरुषों-राम, कृष्ण तथा शिव के योगदान को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना है। उन्होंने इन्हें भगवान न कहकर महापुरुष शब्द का प्रयोग किया है। डॉ0 लोहिया ने कहा था कि जब तक इन तीन महापुरुषों के प्रति भारत की आस्था बनी रहेगी, तब तक दुनिया की कोई भी ताकत भारत का किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं कर पाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पूरब से पश्चिम को जोड़ने का कार्य किया। भगवान श्रीराम ने उनसे बहुत पहले त्रेतायुग में उत्तर से दक्षिण को जोड़ने का कार्य किया। उत्तर से दक्षिण तक जो सीमा भगवान श्रीराम ने हजारों वर्ष पूर्व तय की थी, वहीं सांस्कृतिक सीमा आज भारत की राजनीतिक सीमा के रूप में है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों के माध्यम से भगवान शिव ने पूरे भारत को एकता के सूत्र में जोड़ने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोरोना कालखण्ड में देश के नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बनाई है। यह इस भाव से युक्त है कि हम केवल डिग्री तक ही सीमित न रहें, बल्कि बहुआयामी सोच के साथ आगे बढ़ते हुए स्वयं को विस्तृत आयाम दें। अपनी रुचि के अनुसार कार्यों को आगे बढ़ाये। दुनिया जब अन्धकार में जी रही थी, तब भारत में प्रतिष्ठित गुरुकुल एवं नालन्दा तथा तक्षशिला जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय उत्कृष्ट अध्ययन और अध्यापन के केन्द्र थे, और दुनिया को नई राह दिखा रहे थे। दुनिया के युवा इनसे उपाधि प्राप्त करके गौरव की अनुभूति करते थे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे सामने अपने पुरातन गौरव को पुनर्स्थापित करने की चुनौती है। इसके लिए सरकार और समाज मिलकर कार्य प्रारम्भ करेंगे, तो इसके बेहतर परिणाम आएंगे। सामूहिक प्रयास की आज सर्वाधिक आवश्यकता है। जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय ने इसमें पहल प्रारम्भ की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जहां भी हमारा संस्थान स्थित है, वहां के समाज से हमारा बेहतर संवाद होना चाहिए। जहां भी हमारी संस्था है, वहां के स्थानीय समाज से दूरी नहीं रखनी चाहिए। हमारे पास उस समाज, क्षेत्र तथा जनपद के सामाजिक, आर्थिक तथा भौगोलिक स्थिति के विषय में बेहतर अध्ययन होना चाहिए। जब कभी सरकार को कोई आवश्यकता पड़े, तो अपने अध्ययन को सरकार के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। अक्सर बड़े प्रोजेक्ट की शुरूआत से पूर्व सरकार सोशल इम्पैक्ट स्टडी कराती है। इन कार्यों के लिए स्थानीय संस्थाओं को अपनी फैकेल्टी तथा छात्र-छात्राओं को तैयार करना चाहिए। इनसे बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है। इससे संस्थानों में फण्ड भी आएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत अपनी परम्परा के लिए दुनिया में जाना जाता था। हमने आयुष को लगभग भुला ही दिया था। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद आयुष मंत्रालय का गठन किया। कोरोना महामारी ने हमें आयुष के महत्व से अवगत कराया। हल्दी एन्टीसेप्टिक तथा एन्टी एलर्जिक है। यह हजारों वर्षों से भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय रसोई हल्दी के बगैर नहीं चल सकती है। हम अपने अतिथियों का टीका भी हल्दी से करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज दुनिया योग को अपना रही है। प्रधानमंत्री जी ने 21 जून की तिथि को अन्तर्राष्ट्रीय  योग दिवस के रूप में वैश्विक मंच पर रखा है। योग में बहुत सी समस्याओं का समाधान करने की क्षमता है। यह शारीरिक और मानसिक विकास के साथ ही, बौद्धिक उन्नयन के लिए भी आवश्यक है। यह विज्ञान को उस स्थिति तक पहुंचाने में सक्षम है, जहां पर विज्ञान की सीमाएं समाप्त होती हैं। भारतीय मनीषा इस सीमा से आगे गई है। यही अध्यात्म है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत की परम्पराओं को अंगीकार कर तथा उससे जुड़ते हुए विज्ञान की सीमाओं का अतिक्रमण कर जब आप आगे बढ़ेंगे, तो आपके सामने एक विस्तृत संसार होगा। आप इसका भौतिक दृष्टि से नहीं बल्कि अंतःकरण की दृष्टि से ही अवलोकन कर पाएंगे। यह एक अलग क्षेत्र है। शिक्षण संस्थानों को इस क्षेत्र में कार्य करना होगा। हमने शोध की प्रक्रिया को बाधित किया और दूसरां की चीजों को ही अच्छा मानने लग गये। एक राजदूत से मुलाकात का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे उत्पाद सदैव अच्छे रहे हैं। लेकिन पैकेजिंग में हम पीछे रह जाते हैं। हमारे संस्थानों को अच्छे उत्पाद और उनकी अच्छी पैकेजिंग पर भी ध्यान देना होगा, जो दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुछ संस्थानों ने अच्छा कार्य प्रारम्भ किया है। जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय ने अनेक क्षेत्रों में नया विकास किया है। यह वर्ष इस विश्वविद्यालय की स्थापना का रजत जयन्ती वर्ष है। यह एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित हुआ था। डॉ0 डी0एस0 चौहान जैसे प्रतिष्ठित और समाज सापेक्ष व्यक्तित्व को अपने साथ जोड़कर विश्वविद्यालय ने अपने सर्वांगीण विकास को ऊचाईयों तक पहुंचाने का कार्य किया है। आज जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय इनोवेशन, रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट के एक नये केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ है। विश्वविद्यालय को अनेक पेटेंट भी प्राप्त हुए हैं। विश्वविद्यालय ने स्किल डेवलपमेन्ट का नया सेन्टर स्थापित करते हुए अपने छात्रों को न्यू एज कोर्सेज से जोड़ने की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए। छात्रों एवं युवाओं से जुड़ी शासन की नीतियों, योजनाओं तथा कार्यक्रमों के बारे में उन्हें अवगत कराना चाहिए। हमारे छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए संस्थानों में एक टीम गठित करनी चाहिए। स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, राज्य शासन की मुख्यमंत्री इन्टर्नशिप योजना, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में चल रही मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग तथा इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में प्रस्तावित प्रधानमंत्री इन्टर्नशिप की नई योजना आदि की जानकारी छात्रों एवं युवाओं को देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रदेश के दो करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्टफोन उपलब्ध करा रही है। सरकार का प्रयास है कि इनके माध्यम से भी शासन की योजनाओं से युवाओं को जोड़ें। संस्थानों को भी इस कार्य के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। स्टार्टअप की नई संस्कृति को जन्म देना होगा। प्रदेश में सबसे उर्वरा भूमि तथा जल संसाधन उपलब्ध है। इस क्षेत्र में स्टार्टअप स्थापित होने चाहिए। एम0एस0एम0ई0 का सबसे बड़ा बेस हमारे पास है। इस क्षेत्र में किये गये प्रयासों से एम0एस0एम0ई0 ने आज उत्तर प्रदेश को एक्सपोर्ट का हब बना दिया है। एम0एस0एम0ई0 के क्षेत्र में भी हम नया स्टार्टअप स्थापित कर सकते हैं और एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए कार्य कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्वविद्यालय तथा शिक्षण संस्थानों के स्तर पर ही प्रशिक्षण की व्यवस्था कर छात्रों को तैयार करना होगा। उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना होगा। आज नये विश्वविद्यालय बन रहे हैं। इनमें ज्ञान का आदान-प्रदान करना चाहिए। यह आवश्यक नहीं है कि किसी विश्वविद्यालय में सारी फैकेल्टी हो। इनकी उपलब्धता के लिए आपस में संवाद बनाकर एम0ओ0यू0 किये जाने चाहिए तथा फैकेल्टी को फिजिकल एवं वर्चुअल रूप से जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए पहल होनी चाहिए। कोविड कालखण्ड में राज्य सरकार ने तकनीक का उपयोग करके वर्चुअल आई0सी0यू0 चलाए थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि 21वीं सदी में भारत दुनिया का नेतृत्व करे। जी-20 समिट के माध्यम से यह अवसर भारत को मिला है। भारत की ताकत, प्रबन्धन व कौशल को दुनिया ने माना है। कोरोना कालखण्ड में देशवासियों ने मिलकर टीमवर्क से कार्य किया, जो दुनिया का सबसे अच्छा कोरोना प्रबन्धन का उदाहरण साबित हुआ। देश के कोरोना प्रबन्धन की विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं ने सराहना की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब समाज अनुशासित होकर एक स्वर में बोलता है तो परिणाम भी उसी प्रकार मिलते हैं। पिछली सदी में आयी स्पेनिश फ्लू महामारी से करोड़ो लोगों की मृत्यु हुई थी। उस महामारी में बीमारी की तुलना में भुखमरी से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी। कोरोना महामारी के दौरान बीमारी से  हुई मृत्यु दुखद है, लेकिन भुखमरी से कोई मृत्यु नहीं हुई । केन्द्र और राज्य की संवेदनशील सरकार द्वारा भुखमरी से मौत को रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था की गयी। केन्द्र और राज्य सरकार ने सभी नागरिकों को निःशुल्क टेस्ट, उपचार तथा वैक्सीन उपलब्ध कराया। ऐसा पहली बार हुआ कि महामारी की शुरूआत के 09 माह में ही भारत द्वारा विश्व में सबसे प्रभावी दो स्वदेशी वैक्सीन देशवासियों को उपलब्ध करायी गयी। दुनिया में कोरोना संक्रमण से सबसे कम मृत्यु दर और सबसे बेहतरीन कोरोना प्रबन्धन भारत का था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जी-20 समिट के माध्यम से भारत अपने आपको वैश्विक मंच पर स्थापित कर सकता है। जी-20 उन देशों का समूह है, जिसमें विश्व के 20 बड़े देश शामिल हैं। इस समूह के देशों में विश्व की 60 प्रतिशत आबादी निवास करती है। इन देशों का दुनिया के 75 प्रतिशत व्यापार, 85 प्रतिशत जी0डी0पी0 तथा 90 प्रतिशत पेटेण्ट पर अधिकार है। जी-20 देश भारत के नेतृत्व में आगामी 01 वर्ष तक दुनिया के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं के निर्माण में सहभागी होंगे। प्रदेश के कुछ स्थानों पर जी-20 सम्मेलन का आयोजन होगा। इस आयोजन हेतु हमें अपने आपको तैयार करना होगा। सभी प्रदेशवासियों को स्वच्छता एवं आतिथ्य सेवा के कार्यक्रमों से जुड़कर कार्य करना होगा। जी-20 देशों के प्रतिनिधियों का स्थानीय स्तर पर भी भ्रमण होगा। यह प्रतिनिधि पौराणिक व ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन करेंगे। इन प्रतिनिधियों को प्रदेश के भ्रमण के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो, इस हेतु प्रदेशवासियों को सहयोग करना होगा, जिससे जी-20 समूह के प्रतिनिधि यहां के सामर्थ्य, स्वच्छता, आतिथ्य भाव के विषय में एक अच्छा संदेश लेकर अपने देश जाएं। इससे वैश्विक स्तर पर भारत की एक नई छवि स्थापित करने में सफलता प्राप्त होगी। जी-20 समूह के प्रतिनिधियों को प्रदेश में हुए विकास कार्यां एवं प्रगति को दिखाने का एक अवसर भी प्राप्त होगा। समूह के प्रतिनिधि विभिन्न संस्थाओं में जाकर संवाद करेंगे, जिसके लिए हमें तैयारी करनी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जी0एल0ए0 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ना होगा। जीवन में शार्टकट का रास्ता कभी सफलता की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचा सकता। शार्टकट से तत्काल सफलता मिलती प्रतीत होती है, लेकिन यह प्रभावी साबित नहीं होती। इसलिए संघर्ष और चुनौतीपूर्ण रास्ते को अंगीकार करके आगे बढ़ना चाहिए। प्रदेश में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। पिछले इन्वेस्टर्स समिट में 04 लाख 28 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में 04 लाख 68 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव आये थे। कोरोना महामारी के बावजूद लगभग 04 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को जमीनी धरातल पर उतारा जा चुका है। जनपद मथुरा के कोसीकलां में पेप्सिको की यूनिट भी इन्वेस्टर्स समिट का हिस्सा थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में उत्तर प्रदेश की आबादी एवं जी0डी0पी0 के सापेक्ष अच्छा निवेश प्राप्त होगा। इस इन्वेस्टर्स समिट में 25 सेक्टरों में होने वाला निवेश प्रदेश के युवाओं के रोजगार के लिए अनन्त सम्भावनाओं को पैदा करेगा। प्रदेश के युवाओं को देश में अन्य स्थानों पर नौकरी एवं रोजगार हेतु नहीं जाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपनी विरासत से सम्बन्ध विच्छेद न करें। विरासत के साथ संवाद बनाये रखें। विरासत से भटका व्यक्ति त्रिशंकु की तरह रहता है। उसका कोई लक्ष्य नहीं रहता है। विरासत के साथ आत्म सम्बन्ध बनाये रखते हुए अपने आपको, तकनीकी, शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक स्तर पर तैयार करना आज की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय को अपने पुरातन छात्रों, जिन्होंने किसी क्षेत्र में कुछ अचीव किया हो, को विश्वविद्यालय में आमंत्रित कर छात्रों की कैरियर काउन्सलिंग में मदद लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों में रोजगार हेतु देश एवं प्रदेश के युवा जाते हैं। इन युवाओं को उस देश में रोजगार हेतु मांग के अनुरूप तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु विभिन्न प्रकार की प्रयोगशालाओं का निर्माण करने तथा प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है। जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के ऊपर ब्रज भूमि का उपकार है। सभी विद्यार्थी जिन्होंने यहां की विभिन्न संस्थाओं से अध्ययन किया है, उन्हें ब्रज भूमि के विकास हेतु कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालय परिसर में कौशल एवं उद्यमिता विकास केन्द्र का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री नारायण दास अग्रवाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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