मथुरा। 
वृन्दावन।गोविंद घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा श्रीहित रासमंडल पर चल रहे रसिक संत वैद्य भूषण श्रीमहंत माखनचोर दास महाराज के 132वें अष्ट दिवसीय जन्म महामहोत्सव के अंतर्गत चल रही श्रीमद्भक्तमाल कथा में संतप्रवर बिहारीदास भक्तमाली ने कहा कि श्रीनाभादास महाराज कृत श्रीमद्भक्तमाल ग्रंथ में श्रीमहंत माखनचोर दास महाराज जैसे कई भगवद प्राप्त संतों का ही वर्णन है।जिसके श्रवण करने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है।साथ ही उनका कल्याण हो जाता है।इसीलिए श्रीमदभक्तमाल की कथाएं अत्यंत महिमामयी व पुण्यदायी हैं।
उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि श्रीमहंत माखनचोर दास महाराज उच्च कोटि के एक ऐसे संत थे, जो सदैव प्रभु भक्ति में लीन रहा करते थे। ईश्वर को हम लोगों ने कहां देखा है।संत माखनचोर दास महाराज जैसी विभूतियां ही हमें प्रभु सत्ता की अनुभूति कराती हैं।यों तो इस संसार में असंख्य व्यक्ति जन्म लेते हैं और असंख्य व्यक्ति यहां से विदा होते हैं। परंतु याद केवल और केवल श्रीमहंत माखन चोर दास जैसी पुण्यात्माओं को ही किया जाता है,जिन्होंने कि लोक कल्याण के अनेकानेक कार्य किए हुए होते हैं।
इस अवसर पर श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज, श्रीमहंत दंपति किशोर महाराज, के.डी. मेडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, संत रसिकमाधव दास महाराज, सिंहपौर हनुमान मंदिर के महंत सुंदरदास महाराज आदि ने श्रीमहंत माखनचोर दास महाराज के चित्रपट का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन- अर्चन किया।साथ ही मल्यार्पण व अंगवस्त्र धारण कराये।
महोत्सव में श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज, महंत श्रीहित श्याम सुंदरदास महाराज, संस्कृत छात्रावास के संचालक पंडित बनवारीलाल गौड़, भागवताचार्य पंडित रामप्रकाश भारद्वाज "मधुर", महंत श्रीहित कमलदास महाराज, महंत मधुमंगल शरण शुक्ल,महंत पुरुषोत्तम दास महाराज, संत सेवकदास महाराज, राधावल्लभ वशिष्ठ, इन्द्र शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, संत सेवानंद ब्रह्मचारी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

राजकुमार गुप्ता

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