मुख्यमंत्री ने जनपद वाराणसी में ‘अघोरेश्वर भगवान राम
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र’ का उद्घाटन किया
अघोर परम्परा साधना की ऐसी प्रकृति, जिसमें आध्यात्मिक दृष्टि से परमात्मा
तथा सामाजिक दृष्टि से सामाजिक ढांचे को जोड़ने में मदद मिलती है: मुख्यमंत्री
बाबा कीनाराम तथा बाबा अघोरेश्वर राम ने समता मूलक
समाज के लिये कार्य किया, ताकि कोई निराश्रित न महसूस करे
प्रधानमंत्री जी के प्रयासों का नतीजा है कि पूरा विश्व
भारत की प्राचीन योग चिकित्सा पद्धति को अपनाने को आतुर
आयुर्वेद व योग भविष्य में भारत को एक नये हेल्थ एण्ड
टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप मे स्थापित करने की क्षमता रखते
योग, आयुर्वेद तथा पंचकर्म भारत की प्राचीन परम्परा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद वाराणसी में पड़ाव स्थित अघोरेश्वर भगवान राम महाविभूति स्थल पर ‘अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र’ का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए योग, आयुर्वेद तथा प्राकृतिक चिकित्सा के इस केन्द्र को स्थापित करने हेतु बाबा सम्भव राम और श्री सर्वेश्वरी समूह का आभार जताया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज स्वामी विवेकानन्द की पावन जयन्ती है। भारत के सनातन हिन्दू धर्म, वेद एवं दर्शन से दुनिया को अवगत कराने वाले स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह सुखद अनुभूति का अवसर है कि अघोरेश्वर भगवान राम बाबा के इस पावन धाम में उन्हें इस कार्यक्रम के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत की शैव परम्परा में अघोर परम्परा साधना की ऐसी प्रकृति है, जिसमें आध्यात्मिक दृष्टि से परमात्मा को जोड़ने तथा सामाजिक दृष्टि से सामाजिक ढांचे को जोड़ने में मदद मिलती है। बाबा कीनाराम तथा बाबा अघोरेश्वर राम ने समता मूलक समाज के लिये कार्य किया, ताकि कोई निराश्रित न महसूस करे। मातृ शक्ति के बारे में उनके अनुपम विचार थे। मातृशक्ति की कोई जाति नहीं होती, वे देवी स्वरूप हैं। शिव व शक्ति के मिलन को ही प्रकृति का वास्तविक रूप मानते हैं। इससे अलग कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह पवित्र स्थल उसी परम्परा का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के प्रयासों का नतीजा है कि पूरा विश्व भारत की प्राचीन योग चिकित्सा पद्धति को अपनाने को आतुर है। वर्ष 2014 से 21 जून को पूरा विश्व अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मना रहा है। आयुर्वेद व योग भविष्य में भारत को एक नये हेल्थ एण्ड टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप मे स्थापित करने की क्षमता रखते हैं। योग, आयुर्वेद तथा पंचकर्म भारत की प्राचीन परम्परा है।
कार्यक्रम से पूर्व, मुख्यमंत्री जी का स्वागत शंखनाद से किया गया। श्री सर्वेश्वरी समूह विद्यालय की छात्राओं द्वारा मुख्यमंत्री जी को पुष्प गुच्छ तथा रामायण प्रति भेंट की गयी।
कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जनप्रतिनिधिगण सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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