फॉरेेंसिक टीम और राजातालाब पुलिस की छानबीन में सामने आया कि कातिल पीछे के दरवाजे से ही अंदर घर में घुसा था। रात नौ बजे के आसपास की घटना है। आंगन में ले जाकर पूजा के सिर, गर्दन और चेहरे पर धारदार हथियार से वार किया गया। पूजा के चीखने-चिल्लाने पर कमरे से मां रानी और भाई मोहन जैसे ही गलियारे में आए, उन पर भी धारदार हथियार और डंडे से वार किया गया। यही कारण था कि गलियारे में ही मां और बेटे के शव आमने-सामने पड़े थे। जबकि पूजा का शव आंगन में खून से लथपथ पड़ा था। वारदात के पहले भोजन पकाने की तैयारी चल रही थी।टीम की छानबीन में यह बात भी सामने आई कि मोहन और कातिल के बीच में जोर आजमाइश भी हुई। निहत्थे मोहन के सिर और गर्दन पर धारदार हथियार से वार करने के बाद चेहरे पर भी बांका से वार किया गया। यही कारण था कि देर तक उसके शव को कोई पहचान नहीं पाया। एक दिन पूर्व की घटना होने के कारण खून सूख चुका था। दो दिन से दरवाजे न खुलने पर ग्रामीण रमेश कुमार और सोनू की सूचना पर प्रधान अमरेश पांडेय पहुंचे। भोला और मृतका रानी के बेटे दीपक के साथ ही पुलिस को सूचना दी।

रानी के बड़े बेटे दीपक जब पहुंचे तो वह मां, बहन और भाई को खून से लथपथ देख चीख पड़ा। दीपक के अनुसार बहनोई अरविंद और पनियरा गांव का मनोज मिश्रा उर्फ  अलगू ने ही वारदात को अंजाम दिया। अलगू अक्सर घर में आता था। बहनोई पर इसलिए शंका है कि वह सोमवार की शाम आकर अपनी डेढ़ साल की बेटी को साथ ले गया था। उधर, पुलिस की पूछताछ में वंदेपुर निवासी अरविंद के परिजनों ने बताया कि डेढ़ साल की बेटी को घर पहुंचाने के बाद से ही वह लापता है। क्राइम ब्रांच को उसकी लोकेशन मिर्जापुर के जमुआ में मिली है।  

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