उद्यान निदेशक डा आर के तोमर उ0प्र0 में आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी के प्रबंधन के बताये उपाय।

तापमान की कमी के चलते आलू के किसान रहे सचेत, अपनायें सुरक्षा उपाय
                     -डाआर के तोमर
लखनऊ:12जनवरी 2023

निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डा आर के तोमर  आलू फसल के किसानों को सलाह देते हुते कहा है कि प्रदेश के वर्तमान मौसम में लगातार तापमान में कमी हो रही है। यदि मौसम में अधिक आर्द्रता तथा सूर्य के प्रकाश में कमी हो, तो यह स्थिति आलू फसल की पिछेता झुलसा बीमारी के लिए अनुकूल है। इस परिस्थति  में जब किसान भाइयों की आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी प्रकट नहीं हुई है, वह कृषक फसल की सुरक्षा हेतु मेन्कोजेब या प्रोपीनेब या क्लोरोथॅलोनील युक्त फंफूंदनाशक दवा का 2.0-2.5 किग्रा0 दवा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव तुरन्त करें ।
 जब खेतों में बीमारी आ चुकी हैं ,उनमें किसी भी सिस्टमिक फंफूदनाशक- साइमोक्सानिल + मेन्कोजब या फनोमिडो + मेन्कोजेब या डाइमेथोमार्फ + मेन्कोजब का 0.3 प्रतिशत ( 3.0 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर 1000 लीटर पानी में ) की दर से छिड़काव करें। यदि बारिश की सम्भावना बनी हुई है और पत्ती गीली है तो फंफूदनाशक के साथ 0.1 प्रतिशत स्टीकर का भी प्रयोग करें।
 फंफूंदनाशक को दस दिन के अन्तराल पर पुनः छिड़काव किया जा सकता है। बीमारी की तीव्रता के आधार पर इस अन्तराल को घटाया या बढ़ाया जा सकता है।

बी एल यादव
सूचना अधिकारी

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