सर्दी,जुखाम,बुखार के बाद अचानक से निमोनिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।अचानक निमोनिया के केस बढ़ने पर डाक्टर भी अभिवावकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।
सीएचसी अधीक्षक डा०चन्द्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों की तुलना में काफी कम होती है।इसलिए वह जल्द ही मौसमी बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं।बच्चों को ठंड से बचाव के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
ठंड में बच्चों को ऊनी कपड़े से ढककर रखें बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर बच्चों को ले जाएं।
डाक्टर ने बताया कि रात में बंद कमरे में कोयले व लकड़ी की अंगीठी का प्रयोग कदापि न करें क्योंकि बड़ों की तुलना में बच्चों के सांस लेने की क्षमता तेज होती है उससे उनके सांस फूलने का खतरा बढ़ जाता है कभी कभी ये जानलेवा भी साबित हो जाता हे।
असगर अली
उतरौला
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