औरैया // जनपद में तमाम किसानों का बाढ़, ओलावृष्टि, सूखा और बारिश की आपदाएं तो सुख चैन छीन ही चुकी हैं अब एक लाख से अधिक हेक्टेयर में बोई गई रबी की फसल के लिए आवारा मवेशी सर दर्द बने हुए हैं शरद ऋतु की रात और दिन में किसान ठिठुरते हुए खेतों की रखवाली करने को बेबस और लाचार हैं फिर भी मौका मिलते ही आवारा जानवर फसल चट कर जा रहे हैं पलक झपकते ही फसल बर्बाद होती देख किसान परेशान और बेबस है किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार से मवेशियों को पकड़ कर गोशालाओं में तत्काल बन्द कराने की बात कह रहे हैं इसके बावजूद भी किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं दिख रहा कई किसान तो परिवार के साथ खेतों पर डेरा डाले हुए हैं रात और दिन में परिजन बारी-बारी से खेतों की रखवाली करते देखे जा रहे हैं गौशालाओं में आवारा मवेशियों को संरक्षित करने की योजना दम तोड़ती नजर आ रही है सड़कों पर आज भी हजारों की संख्या में गोवंश आवारा घूम रहे हैं आंकड़ों की बात करें तो पूरे एक साल में सात करोड़ 56 लाख 54 हजार रुपये मवेशियों को संरक्षित करने (चारा, पानी, दाना पर खर्च) पर हो गए आंकड़ों में 44 गोशालाओं में 7005 गोवंश संरक्षित हैं विभाग पंजीकृत गोवंशों में आठ सौ गोवंश छुट्टा होने का दावा कर रहा है, जबकि सड़कों पर हजारों की संख्या से भी ज्यादा गौवंश खुले आम घूम रहे हैं इन्हें आश्रय न मिलने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को फसल नुकसान के रूप में उठानी पड़ रही है जो किसानो की दयनीय स्थिति के लिए चिन्ता का विषय है l। 


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