उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गौतमबुद्धनगर के गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकाथॉन के पहले संस्करण का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी ने स्टडी इन इण्डियन प्रोग्राम एक्जीबिशन की ई-लॉन्चिंग की और इंडो-अफ्रीकी देशों की कल्चरल परेड को देखा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकाथॉन-2022 को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत-अफ्रीका के रिश्ते सहयोग वाले संबंधों की एक अद्भुत मिसाल है। उपनिवेशवाद के खिलाफ एकजुटता, विकासशील देशों के बीच सहयोग की सच्ची भावना भारत-अफ्रीका महाद्वीप के मजबूत रिश्तों की आधारशिला रही है। भारतीय मनीषा में सदैव से विश्व कल्याण के जिन भावों को व्यक्त किया है, आज भी वह विश्व कल्याण का माध्यम बन सकता है। भारतीय मनीषा की अभिव्यक्ति- अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम्, उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् के भावों का प्रतिनिधित्व करती है। भारत सदैव इसको अनुसरण करते हुए विश्व बंधुत्व के भाव को प्रबल करता रहा है। यह हैकाथॉन भी हमारी इसी लोक कल्याणकारी नीति का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत ने कभी भी तलवार के बल पर किसी पर प्रभुत्व स्थापित नहीं किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की नीति पर प्रकाश डालते हुए बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया अर्थात भारत ने पूरी दुनिया को शांति का संदेश सदैव दिया है। मुख्यमंत्री जी ने भगवान श्रीराम की गाथा विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के सच्चे आदर्शों को व्यक्त करती है। अफ्रीका महाद्वीप के मारीशस राष्ट्र में भगवान श्रीराम की आराधना और रामायण का प्रभाव सर्वविदित है। उत्तर प्रदेश भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और महात्मा बुद्ध की धरती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपने अहिंसक आंदोलन की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका से की थी। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति श्री नेल्सन मण्डेला ने महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानकर और अहिंसा को आधार बनाकर रंगभेद के खिलाफ अभियान शुरू किया और भेदभावपूर्ण व्यवस्था का अंत किया। भारत में उनका नाम अत्यंत आदर के साथ लिया जाता है। वर्तमान में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत और अफ्रीका महाद्वीप के संबंध एक नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं। हाल ही में भारत से विलुप्त हो चुके चीतों को सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। यह चीते अफ्रीकी देश नामीबिया से भारत लाए गए थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत, अफ्रीका के साथ सहयोग और साझेदारी के नए आयाम स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकाथॉन के पहले संस्करण का आयोजन हो रहा है। 36 घंटे के इस हैकाथॉन का आयोजन 25 नवंबर तक किया जा रहा है। इस हैकाथॉन में प्रतिभाग करने के लिए 22 देशों के 400 से अधिक छात्र-छात्राएं और प्रतिनिधि आये हुए हैं। सभी छात्र-छात्राएं भारत के छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर अलग-अलग टीमों के माध्यम से विभिन्न प्रॉब्लम स्टेटमेण्ट्स पर समाधान बनाने का प्रयास करेंगे। यह आयोजन अफ्रीका के छात्र-छात्राओं को भारत में शिक्षा एवं जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार के नए अवसरों का लाभ उठाने का अवसर प्रदान करेगा। हैकाथॉन के दौरान सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राएं नवीन प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों की संकल्पना और संरचना भी करेंगे। यह आयोजन प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप है। प्रधानमंत्री जी का मानना है कि मुख्यधारा की व्यापक समस्याओं के समग्र समाधान में युवाओं की भागीदारी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है। प्रदेश में देश-विदेश के बड़े उद्यमी और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां बड़ी मात्रा में निवेश कर रही हैं। प्रदेश सरकार ने कई फोकस सेक्टर तय किए हैं। इसमें स्टार्टअप, आई0टी0, इलेक्ट्रॉनिक्स, एग्रो फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, टेक्सटाइल, नवीकरणीय ऊर्जा आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना वर्तमान में एक स्टार्टअप की तरह उभरकर विशिष्ट एवं प्रसिद्ध उत्पादों को जनमानस तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। यह योजना न सिर्फ प्रदेश के जनपदों को एक नई पहचान दे रही है, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित है। इस संबंध में राज्य सरकार की नीति भी स्पष्ट है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्टार्टअप, इंक्यूबेटर, मेंटरशिप, सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप, इनोवेशन हब जैसे प्रयासों के माध्यमों से उत्तर प्रदेश एक सक्षम, उन्नत और अभिनव स्टार्टअप इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। छात्र-छात्राएं इन सभी प्रयासों की जानकारी ‘स्टार्टअप इन यू0पी0’ की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। इसी तरह, हैकाथॉन स्टार्टअप कल्चर को न सिर्फ मजबूत नींव प्रदान करते हैं, बल्कि छात्र-छात्राओं के जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। हैकाथॉन के माध्यम से बच्चे तकनीक का इस्तेमाल करते हुए नए-नए इनोवेशन करते हैं जो भविष्य में स्टार्ट अप बनकर देश को नवीन दिशा प्रदान कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में भारत ने इनोवेशन एवं स्टार्ट अप के माध्यम से विश्व पटल पर एक विशिष्ट पहचान बनाई है। हमारा देश स्टार्ट अप की दुनिया का विशिष्ट देश बन चुका है। यूनीकॉर्न अर्थात वन बिलियन डॉलर से अधिक वैल्यूएशन के स्टार्टअप तेजी से उभरकर सामने आ रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था तो सुदृढ़ हो ही रही है, हमारे युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश मजबूत बुनियादी ढांचा विकसित करते हुए अनुकूल नीतिगत वातावरण प्रदान करके विश्वस्तरीय स्टार्टअप इकोसिस्टम स्थापित करने की ओर तेजी से अग्रसर है। नीति आयोग द्वारा जारी किए गए इंडिया इनोवेशन इंडेक्स 2021 के परफॉर्मर कैटेगरी के तहत बड़े राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश देश के टॉप-5 राज्यों में सम्मिलित है। हम जल्द ही शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए पूरी मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने हैकाथॉन में आए अतिथियों से अनुरोध किया कि इस हैकाथॉन के पश्चात प्रदेश में स्थित भारत की विशिष्ट धरोहरों काशी, मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज, आगरा आदि का भ्रमण कर हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित हों। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सभी युवा प्रतिभा और नवाचार के धनी हैं, सभी मिलकर समाज की बेहतरी एवं अंत्योदय के सम्बन्ध में विभिन्न समस्याओं के समाधान की ओर आगे बढ़ेंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव श्री के0 संजय मूर्ति, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए0आई0सी0टी0ई0) एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो0 एम0 जगदीश कुमार, आई0आई0टी0 गुवाहाटी के प्रो0 डॉ0 टी0जी0 सीताराम, पर्सिस्टेंस सिस्टम्स के अध्यक्ष, प्रबन्ध निदेशक डॉ0 आनन्द देशपाण्डे, यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि श्री विशाल वी0 शर्मा, ए0आई0सी0टी0ई0 के उपाध्यक्ष श्री एम0पी0 पुनिया, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राकेश कुमार सिन्हा, जनप्रतिनिधिगण, विभिन्न देशों के राजदूत एवं उच्चायुक्त, अफ्रीका के देशों से आए डेलीगेट्स, विद्यार्थी, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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