उतरौला(बलरामपुर) मुर्दे ने कहा मै जिन्दा हूं। उक्त बातें पीड़ित जगेसर ने तहसीलदार उतरौला को अपने बयान में कहा।
उसने बताया कि उसकी जमीन खम्हरिया गांव में है और वह जनपद देहरादून के राजकीय इंटर कालेज में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था। उसके पिता की मृत्यु होने पर उसके व उसके भाइयों के नाम वरासत हो गई थी। कालेज से रिटायर होने पर वह राजकीय पेंशन पा रहा था। वहीं उसके भतीजे ने राजस्व कर्मचारियों से मिली भगत करके उसे व उसके भाई जय प्रकाश दोनों को तहसीलदार उतरौला ने मृत्यु दिखाकर उसके भतीजे के नाम वरासत कर दी। गांव वालों की सूचना पर वह अपने पैतृक घर पर आया और इसकी जानकारी मिलने पर उसने एसडीएम उतरौला संतोष कुमार ओझा को समस्त अभिलेख दिखाकर इस मामले की जानकारी दी। एसडीएम उतरौला ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए तहसीलदार उतरौला को जांच का आदेश दिया। तहसीलदार उतरौला ने पीड़ित का बयान दर्ज किया। तहसीलदार उतरौला राम आसरे को पीड़ित जगेसर ने बताया कि वह मुर्दा नहीं है। उसके जीवित रहने से उसे उत्तराखंड सरकार आज भी पेंशन दे रही है। सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत से पिछले तहसीलदार उतरौला ने उसे मृतक दर्शाकर उसके भतीजे के नाम वरासत कर दी। इसी तरह उसके भाई जय प्रकाश को भी मृतक दर्शाकर उसकी भी वरासत करा दी। तहसीलदार उतरौला के समक्ष जय प्रकाश हाजिर होकर अपने जीवित होने का सबूत पेश किया। पिछले तहसीलदार उतरौला द्वारा दोनों भाई जगेसर व जय प्रकाश को मृतक दर्शाने पर दोनों भाइयों के जीवित देखकर तहसीलदार उतरौला अचंभित रह गये। उन्होंने बताया कि एसडीएम उतरौला द्वारा मामले की जांच कराई जा रही है।
जीवित व्यक्ति को मृतक दर्शाकर खतौनी में दर्ज करना गम्भीर मामला है। एसडीएम उतरौला ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
असग़र अली
उतरौला
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