बीएचयू में पीजी की सीटों को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद संकाय में चल रहा छात्रों का आंदोलन सोमवार को तालाबंदी तक पहुंचगया। पिछले 11 दिनों से धरना दे रहे यूजी छात्रों ने सोमवार को ओपीडी कक्ष में टाला लगा दिया। इससे करीब 1500 मरीज बिना दिखाए ही लौट गए। ओपीडी कक्ष का ताला खुलवाने के लिए सुरक्षाकर्मियों और छात्रों के बीच नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। छात्रों का आरोप है सुरक्षाकर्मी ने एक छात्र पर हथौड़े से भी हमला किया। छात्राओं के साथ भी बदसलूकी का आरोप लगाया है। छात्रों को मानने के लिए आयुर्वेद संकाय के डीन प्रो. केएन द्विवेदी भी पहुंचे लेकिन बात नहीं बन सकी।
बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में पीजी की 54 और यूजी की 75 सीटें हैं। यूजी के छात्र पीजी की सीट बढ़ाने की मांग को लेकर सात अक्टूबर को धरना पर बैठ गए थे। रविवार को छात्रों ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद सिंह के सामने विरोध दर्ज कराया।वहीं सोमवार को ओपीडी बंद कर दी। दिन भर अस्पताल में मरीज परेशान होते रहे। छात्रों का कहना है कि हर बार हम लोगों को बरगलाया जाता है लेकिन इस बार जब तक मांग नहीं पूरी होगी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रो. केएन द्विवेदी ने कहा पीजी सीट बढ़ाने के लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं।
बीते 11 दिनों से छात्र पीजी की 50 सीट बढ़ाने के लिए वीसी आवास के सामने धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि सीट बढ़ाने के लिए NCISM पोर्टल पर अप्लाई करना पड़ेगा। इसके लिए आयुर्वेद फैकल्टी को 80 लाख रुपए की जरूरत है।
इस पैसे में NCISM की BHU विजिट के साथ कई अन्य खर्चे हैं। मगर, BHU प्रशासन फंड नहीं जारी कर रहा है। वहीं, अक्टूबर महीना बीत गया तो फिर पोर्टल पर अप्लाई करने के लिए चांस अगले साल मिलेगा। हम सभी धरनारत छात्र अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम से हैं। हम इस साल पासआउट हो जाएंगे तो फिर अगले साल क्या करेंगे।
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