मैक्सिको और थाईलैंड भी जल्द हो सकते हैं यूपी जीआईएस - 23 में पार्टनर
कंट्री
अब तक पांच देश बन चुके हैं यूपी के पार्टनर कंट्री
योगी सरकार ने कुल 19 देशों को साथ लाने का बनाया है लक्ष्य
भारतीय मिशन के जरिए इन्वेस्टर्स समिट का प्रचार प्रसार करेगा यूपी
विदेशी व्यापारिक संगठनों से संपर्क कर रहे अधिकारी
दूतावासों में नियुक्त होंगे यूपी जीआईएस के लिए नोडल अफसर
लखनऊ, 28 अक्टूबर।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुपर बूस्ट करने और राज्य में रोजगार के
बड़े अवसरों का सृजन करने के लिए योगी सरकार अगले साल 10 से 12
फरवरी तक यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपी जीआईएस 2023) का आयोजन
करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके जरिए प्रदेश में 10 लाख
करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य तय कर रखा है। समिट के लिए सरकार की ओर
से 19 देशों को पार्टनर कंट्री के तौर पर जोड़ने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक
पांच देश उत्तर प्रदेश के साथ जुड़ चुके हैं। वहीं बहुत जल्द मैक्सिको और थाईलैंड
भी यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2023 के पार्टनर कंट्री के तौर पर जुड़ने जा रहे हैं। इसे
लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। बता दें कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनिया
भर के 10 हजार से भी ज्यादा डेलिगेट्स उत्तर प्रदेश आने वाले हैं।
यूपी जीआईएस का प्रचार करेंगे भारतीय मिशन
योगी सरकार विश्व के बड़े व्यापारिक और औद्योगिक समूहों को प्रदेश में
निवेश के लिए आकर्षित करने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। हाल ही
में भारत आये दुनिया के 118 देशों में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त और राजदूतों से
यूपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबंध में गहन विचार-विमर्श भी किया है।
सरकार का पूरा जोर विदेशों में कार्यरत भारतीय मिशनों के जरिए यूपी
जीआईएस का प्रचार जोर-शोर से करने पर है। इसके लिए भारत की सभी
एम्बेसी, हाई कमीशन और काउंसलेट की वेबसाइटों के जरिये यूपी जीआईएस
23 की पब्लिसिटी का प्लान है।
सरकार इन्वेस्टमेंट सेंट्रिक पॉलिसी को लेकर सजग
योगी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से विदेशों में कार्यरत
भारतीय मिशनों के साथ लक्षित कंपनियों, खासकर वे जो भारत में निवेश करना
चाहती हैं की जानकारी साझा की जा रही हैं। इसके अलावा भारत में निवेश को
इच्छुक विदेशी कंपनियों को यूपी जीआईएस में आमंत्रित करने को लेकर भी
चर्चाएं लगातार चल रही हैं। भारतीय उच्चायुक्तों, राजदूतों और काउंसलेट्स के
साथ इन्वेस्टमेंट सेंट्रिक पॉलिसी को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। प्रदेश सरकार
की ओर से विभिन्न सेक्टरों के लिए नयी नीति का निर्माण भी तेजी से किया जा
रहा है।
यूपी के प्रभावशाली प्रवासियों पर भी नजर
सरकार का ध्यान विदेशों में रह रहे ऐसे प्रभावशाली प्रवासी भारतीयों पर
है, जिनकी जड़ें उत्तर प्रदेश से जुड़ी हुई हैं। योगी सरकार सभी लक्षित देशों में रह
रहे उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को एक मंच पर लाने का भी विचार कर रही है।
इसके अलावा रोड शो के लिए मेजबान देशों के महत्वपूर्ण व्यापारिक संगठनों
और विभागों से भी बातचीत का दौर शुरू हो चुका है। भारतीय मिशन के
अधिकारियों से यूपी जीआईएस के लिए नोडल अफसरों को नियुक्त करने के लिए
भी कहा गया है, जिनसे यूपी सरकार के अधिकारी हमेशा संपर्क में रह सकें।
नवंबर से शुरू होगा विदेश दौरा
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंग्लैंड, मॉरिशस, फ्रांस, डेनमार्क और
सिंगापुर पार्टनर कंट्री बनने के लिए तैयार हैं। वहीं मैक्सिको और थाईलैंड से
बातचीत अंतिम दौर में है। इसके अलावा अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, संयुक्त अरब
अमीरात, नीदरलैंड, जापान, इजराइल, रूस, बेल्जियम, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया
और साउथ अफ्रीका को पार्टनर कंट्री बनाने के लिए भी सरकार के आला
अधिकारी मिशन मोड में जुटे हुए हैं। नवंबर में सरकार की ओर से सभी लक्षित
19 देशों के 21 शहरों में रोड शो का आयोजन किया जाना है। इसके लिए खुद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उनके मंत्रीगण अलग अलग देशों का दौरा
करेंगे।
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