मुख्यमंत्री ने जनपद अलीगढ़ भ्रमण के अवसर पर निर्माणाधीन राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया
कार्यदायी संस्था को परियोजना का निर्माण तेजी से करने के निर्देश
निर्माण कार्यों में गुणवत्ता व समयबद्धता की जांच के लिए मण्डलायुक्त एक 03 सदस्यीय टीम गठित करें, जांच के बाद जवाबदेही तय करते हुए कार्यवाही की जाए: मुख्यमंत्री
जिलाधिकारी को निर्माण कार्य का नियमित निरीक्षण करते हुए प्रत्येक सप्ताह शासन को प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश
पूर्व सांसद स्व0 श्रीमती शीला गौतम के नाम पर विश्वविद्यालय के एक भवन का नाम रखा जाए, भवन में श्रीमती गौतम की एक मूर्ति भी स्थापित की जाए
किसी भी परियोजना के एस्टीमेट का रिवाइज किया जाना जनता के पैसे की बर्बादी, आकलन को पुनरीक्षित करने की परम्परा को समाप्त किया जाना आवश्यक
लखनऊ: 15 अक्टूबर, 2022
मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन पुस्तकालय भवन का निरीक्षण किया तथा गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त की। न्होंने निर्देशित किया कि भवन का वर्टिकल निर्माण होना चाहिए, जिससे कम जगह को ज्यादा उपयोगी बनाया जा सके। उन्होंने पूर्व सांसद स्व0 श्रीमती शीला गौतम के नाम पर विश्वविद्यालय के एक भवन का नाम रखे जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस भवन में श्रीमती शीला गौतम की एक मूर्ति भी स्थापित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता व समयबद्धता को सुनिश्चित करने के लिए मण्डलायुक्त को निर्देशित किया कि वे इस सम्बन्ध में जांच के लिए एक 03 सदस्यीय टीम गठित करें। जांच करने के बाद जवाबदेही तय करते हुए कार्यवाही करें। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्माण कार्य का नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए प्रत्येक सप्ताह शासन को प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के लिए प्रवेश प्रारम्भ हो गया है। उन्होंने विश्वविद्यालय संचालन के स्थान के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देशित किया कि जब तक विश्वविद्यालय भवन का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, सिंचाई विभाग की बिल्डिंग में संचालित विश्वविद्यालय को अन्यत्र किसी उचित स्थान पर संचालित करते हुए नयी शिक्षा नीति के तहत सुचारु रूप से पठन-पाठन कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्माण कार्यों में समयबद्धता सुनिश्चित किए जाने पर विशेष बल देते हुए कहा कि किसी भी परियोजना के एस्टीमेट का रिवाइज किया जाना जनता के पैसे की बर्बादी है। आकलन को पुनरीक्षित करने की परम्परा को समाप्त किया जाना आवश्यक है।
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