मुख्यमंत्री विराटनगर, जयपुर स्थित श्री पंचखण्डपीठ में
आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज के उत्तराधिकारी स्वामी सोमेन्द्र शर्मा
के चादरपोशी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

भक्ति और शक्ति की खोज के लिए
श्री पंचखण्डपीठ ने अग्रणी भूमिका निभायी: मुख्यमंत्री

भारत विभाजन के विरोध में तत्कालीन समय में हुए संतो के
आन्दोलन मंे आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज ने अग्रणी भूमिका निभायी

सन् 1966 के गोरक्षा आन्दोलन में श्री पंचखण्डपीठ ने
गोरक्षा की परम्परा से आमजनमानस को जोड़ा

आचार्य जी की परम्परा को स्वामी सोमेन्द्र जी
द्वारा निर्वहन करने के लिए प्रण लिया गया


लखनऊ: 06 अक्टूबर, 2022: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जयपुर के विराटनगर स्थित श्री पंचखण्डपीठ में आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज के उत्तराधिकारी स्वामी सोमेन्द्र शर्मा के चादरपोशी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज को गोरक्षपीठ की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समर्थ गुरु रामदास जी ने अखण्ड हिंदवी साम्राज्य के लिए छत्रपति शिवाजी जैसा सर्वश्रेष्ठ महान योद्धा देश को दिया था। उसी परम्परा के अनुरूप भक्ति और शक्ति की खोज के लिए राजस्थान में इस विराटनगर में श्री पंचखण्डपीठ ने अग्रणी भूमिका निभायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सम-विषम परिस्थितियों में विचलित हुए बगैर सनातन हिन्दू धर्म तथा विराट हिन्दू समाज की रक्षा करने के लिए आज हिन्दू समाज पूज्य आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज का सम्मान करता है। सनातन धर्म के प्रति किये गए उनके कार्य उन्हें सदैव हमारे बीच बनाये रखेंगे। सनातन धर्म की रक्षा के लिए हुए आन्दोलनों में आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। गोरक्षपीठ के साथ उनका सम्बन्ध 3 पीढ़ियों का था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज पूज्य आचार्य जी हमारे बीच भौतिक रूप से नहीं हैं। सनातन हिन्दू धर्म के प्रति किये गये उनके योगदान, उपदेश तथा संभाषणों के माध्यम से वे सूक्ष्म रूप से सदैव हमारे बीच जीवन्त बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत विभाजन के विरोध में तत्कालीन समय में हुए संतो के आन्दोलन मंे भी इस पीठ की अग्रणी भूमिका थी। आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज ने उस आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभायी थी। देश के हित में नागरिक का क्या दायित्व होना चाहिए, उस आन्दोलन में श्री पंचखण्डपीठ ने दिशा दिखायी। सन् 1966 के गोरक्षा आन्दोलन में श्री पंचखण्डपीठ ने गोरक्षा की परम्परा से आमजनमानस को जोड़ा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आन्दोलन सन् 1949 से शुरू हुआ। पूरे देश मे विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से आन्दोलन को धार दी गई। संतों ने बिना फल की इच्छा के इसे आगे बढ़ाया। आज अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा कार्य हो चुका है। इस अवसर पर आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज अयोध्या पहुंचकर बहुत खुश हुए थे। संतांे ने अपने कर्तव्यों का हमेशा पालन किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आचार्य जी की परम्परा को स्वामी सोमेन्द्र जी द्वारा निर्वहन करने के लिए प्रण लिया गया है। स्वामी सोमेन्द्र जी महाराज, आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज की परम्परा को आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए उनके प्रति और श्री पंचखण्डपीठ के साथ मेरी सद्भावना है।
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