केंद्र की योजनाओं से यूपी की महिलाओं के जीवन में उजियारा
उज्ज्वला योजना से 1.70 करोड़ महिलाओं को धुएं से मिली निजात
मातृ वंदना योजना से लाभान्वित हुईं 52 लाख से अधिक माताएं
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से 1.90 करोड़ बच्चियों को मिला संबल
नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन पर योगी सरकार का पूरा जोर
लखनऊ, 5 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने
महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाईं। इन योजनाओं ने महिलाओं के
जीवन में उजाला फैला दिया। इन योजनाओं को उत्तर प्रदेश की योगी
सरकार ने धरातल पर उतारकर लाभार्थियों तक इसे पहुंचाया। लाभ मिला
तो यहां महिलाओं के जीवन में भी खुशहाली आ गई। नारी सुरक्षा, सम्मान
व स्वालंबन की तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने
तेजी से कदम बढ़ाया है।
1.70 करोड़ महिलाओं ने छोड़ा चूल्हा
2016 में शुरू हुई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ उत्तर प्रदेश की
महिलाओं को भी मिला। पहले महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती थीं। उसका
धुआं महिलाओं को बीमार कर रहा था। परंतु केंद्र की मोदी सरकार ने
उज्ज्वला योजना का लाभ दिया। इससे सूबे की करीब 1.70 करोड़
महिलाओं को लाभ मिला। वे भी बीमारी से बचीं। अब गैस-सिलेंडर पर
दोनों वक्त की रोटी बनाकर घर पर सुकून से परिवार के साथ बैठकर
भोजन करती हैं। बीमारियों से दूर रहने में भी यह योजना काफी कारगर
रही। गोरखपुर की सोनी निगम ने बताया कि सरकार की इस योजना ने
हम महिलाओं का काफी हद तक ख्याल रखा। इतनी मूलभूत जरूरतों का
ध्यान कभी नहीं दिया गया।
यूपी में कारगर रही मातृ वंदना योजना
वहीं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भी उत्तर प्रदेश के लिए काफी कारगर
रही। योजना के तहत बच्चे का जन्म होने पर छह हजार रुपये की
आर्थिक सुविधा मिलती है। इस योजना का लाभ जरूरतमंद महिलाओं तक
पहुंचाने के लिए यूपी सरकार ने काफी कारगर कदम उठाए हैं। इस योजना
का लाभ प्रदेश की 52 लाख 55 हजार 129 महिलाओं को मिल चुका है।
पीएम स्वनिधि योजना से जुड़ीं 2 लाख महिलाएं
पीएम स्वनिधि योजना के तहत प्रदेश की 2 लाख से अधिक महिलाओं
को जोड़ा गया। रेहड़ी-पटरी के जरिए अपना कार्य करने के लिए सरकार
ने इन्हें स्वावलंबन की तरफ आकर्षित किया। इस योजना का लाभ पाकर
महिलाएं अपने पैर पर खड़ा हो रही हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना दे रही संबल
प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को उत्तर प्रदेश में काफी
संबल मिला। इस योजना के जरिए बेटियों को सशक्त बनाया गया और
उनकी शिक्षा पर जोर दिया गया। यह योजना केंद्र से लेकर राज्य तक
काफी कारगर रही। उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत 1.90 करोड़ बेटियों
को लाभान्वित किया गया।
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