केराकत। उग्र हुए अधिवक्ता, मुख्य गेट बंद कर एसडीएम को घेरा
वीडियो बना रहे लेखपाल और उसके बीचबचाव में आये दुकानदार की पिटाई
जौनपुर,केराकत। अधिवक्ता हीरेन्द्र यादव मामले में रेवेन्यू एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने में हीलाहवाली करने पर केराकत बार के अधिवक्ता शुक्रवार को एक बार फिर उग्र हो गए। न्यायिक कार्य निपटा कर निकल रहे एसडीएम माज अख्तर को अधिवक्ताओं ने घेर लिया। मौका पाकर एसडीएम अपनी गाड़ी में बैठकर भागने लगे तो अधिवक्ताओं ने दौड़कर कार्यालय का मुख्य गेट बंद कर दिया और उन्हें गाड़ी से नीचे उतार दिया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने एसडीएम पर गालिओं की जमकर बौछार की।
अधिवक्ताओं का गुस्सा और एसडीएम से गरमा गरम झड़प देख डोभी सर्किल का एक मुस्लिम लेखपाल अमीन खां वीडिओ बनाने लगा, जिस पर अधिवक्ता उसी पर टूट पड़े। अधिवक्ताओं ने लेखपाल का मोबाइल छीन लिया और उसकी पिटाई कर दी। यह सब होता देख कर एक अन्य मुसलमान दुकानदार सद्दाम भी भीड़ में पहुंच कर बीच बचाव करने लगा जिस पर अधिवक्ताओं ने उसकी भी जमकर धुनाई की। अधिवक्ताओं का तेवर और एसडीएम के प्रति गुस्सा देख उनके गार्ड और कार्यालय के कर्मचारी निवास दूबे, दिलीप कुमार आदि उनके पास जाकर खड़े होकर बीच बचाव करते दिखे। एसडीएम ने हीरेन्द्र यादव मामले में रेवेन्यू एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने का कई बार आश्वासन दिया। जिस पर अधिवक्ताओं ने चेतावनी देकर उन्हें जाने दिया,घेराव से मुक्त हुए एसडीएम फ़ौरन गाड़ी में बैठकर कार्यालय परिसर से बाहर निकल गए।
इससे पहले बार सभागार में अधिवक्ताओं की बैठक हुई। जिसमें तय किया गया कि जब तक मामले का संतोषजनक निस्तारण नहीं हो जाता है वे न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते रहेंगे। बैठक में अध्यक्ष जगदम्बा प्रसाद सहित महेन्द्र शंकर पाण्डेय, नमः नाथ शर्मा, सुभाष सिंह, मुकेश शुक्ला, अवधेश सिंह बब्बू, राजवंत कुमार, राजेश पाण्डेय, अमरनाथ यादव, मान्धाता सिंह, ज्ञानप्रकाश पाण्डेय आदि रहे।
मालूम हो कि केराकत बार के पूर्व महामंत्री हीरेन्द्र यादव के मामले को लेकर सभी अधिवक्ता पिछले एक महीने से न्यायिक कार्यों से विरत हैं। इस दौरान तहसील और पुलिस प्रशासन की हीलाहवाली के खिलाफ उन्होंने धरना प्रदर्शन भी किया। शिकायत है कि एसडीएम केवल आश्वासन देकर टाल मटोल कर रहे हैं। बहुत दबाव डालने पर मुकदमे में बढ़ी धाराओं की कॉपी दिया। लेकिन रेवेन्यू एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने में अब भी हीला हवाली कर रहे हैं।
यह है मामला
26 अगस्त की देर शाम अधिवक्ता हीरेन्द्र यादव कचहरी से कामकाज निपटा कर शहाबुद्दीनपुर अपने घर जा रहे थे। गांव में ही खड़ंजा रास्ते पर एक व्यक्ति ने अपनी भैंस बांध रखी थी। जिसके चलते वे आगे नहीं निकल पा रहे थे। हीरेन्द्र ने भैंस छोड़कर हटा दिया और आगे बढ़ने को हुए तो भैंस मालिक और उसके परिजनों ने उनकी जानलेवा पिटाई कर दी। जिसके चलते उन्हें करीब 20 दिन अस्पताल में रहना पड़ा।
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