मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
राज्य सरकार सभी 25 करोड़ प्रदेशवासियों के लिए सुरक्षित व स्वास्थ्यप्रद खाद्य एवं औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित: मुख्यमंत्री
प्रदेश में अधोमानक, नकली, मिलावटी अथवा प्रतिबन्धित दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए
मिलावटखोरी आमजन के जीवन से खिलवाड़, किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा
पर्व एवं त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्यवाही तेज की जाए, मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल एवं कठोर कार्यवाही की जाए
07 मण्डल मुख्यालयों पर सचल खाद्य जांच प्रयोगशालाओं का संचालन प्रारम्भ
13 मण्डलीय प्रयोगशालाओं का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए, जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात करते हुए निर्माण कार्यों की दैनिक मॉनीटरिंग की जाए, अनावश्यक देरी होने पर जवाबदेही तय की जाए
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों के क्रम में ड्रग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल किया जाए, लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया एक तय समय-सीमा के भीतर पूरी हो
औषधि एवं प्रयोगशाला संवर्ग की समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार नए पद सृजित किए जाएं
लखनऊ: 01 अक्टूबर, 2022
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी 25 करोड़ प्रदेशवासियों के लिए सुरक्षित व स्वास्थ्यप्रद खाद्य एवं औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। प्रदेश में अधोमानक, नकली, मिलावटी अथवा प्रतिबन्धित दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखें। मिलावटखोरी आमजन के जीवन से खिलवाड़ है। किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। पर्व एवं त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्यवाही तेज की जाए। मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल कार्यवाही हो। मिशन रूप में प्रदेशव्यापी निरीक्षण किया जाए। मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत दिनों 07 मण्डल मुख्यालयों पर सचल खाद्य जांच प्रयोगशालाओं का संचालन प्रारम्भ हो गया है। मेरठ, गोरखपुर और आगरा में दवाओं के नमूनों का विश्लेषण करने की सुविधा भी शुरू हो गई है। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, मुरादाबाद, झांसी, सहारनपुर, अलीगढ़, मीरजापुर, बरेली, आजमगढ़, अयोध्या और देवीपाटन मण्डल में मण्डलीय प्रयोगशालाओं का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात करते हुए निर्माण कार्यों की दैनिक मॉनीटरिंग की जाए। यह व्यापक जनहित से जुड़ीं महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं, इसमें अनावश्यक देरी होने पर जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में खाद्य प्रयोगशालाओं की विश्लेषण क्षमता 30,000 खाद्य नमूने प्रति वर्ष की है। प्रयोगशालाओं की संख्या और क्षमता बढ़ाते हुए इसे 01 लाख से अधिक नमूने की क्षमता तक बढ़ाया जाए। इसी प्रकार, औषधि प्रयोगशालाओं की विश्लेषण क्षमता जो कि अभी 10,000 औषधि नमूने प्रति वर्ष है, उसे 50 हजार तक बढ़ाने की कार्यवाही करें। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों के क्रम में ड्रग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल किया जाना आवश्यक है। आवेदन के बाद लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया एक तय समय-सीमा के भीतर पूरी होनी चाहिए। आवेदक को परेशान न होना पड़े। इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए। औषधि नियंत्रक के पद पर योग्य अधिकारी का चयन करते हुए पूर्णकालिक तैनाती की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य प्रयोगशालाओं की क्षमता वृद्धि के लिए सी0एस0आई0आर0, आई0आई0टी0आर0, एन0बी0आर0आई0, सीमैप, डी0आर0डी0ओ0 एवं केन्द्रीय प्रयोगशालाओं तथा संस्थानों का सहयोग लिया जाना उचित होगा। मण्डलों में खाद्य प्रयोगशालाओं का एन0ए0बी0एल0 प्रमाणीकरण कराएं। प्रयोगशालाओं में जांच उपकरणों की कमी न रहे। मानकों के अनुरूप इनके रख-रखाव, वैधता अवधि, क्रियाशीलता आदि का परीक्षण किया जाए। औषधि एवं प्रयोगशाला संवर्ग की समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार नए पद भी सृजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं में योग्य और दक्ष कार्मिकों की तैनाती की जाए। साइंटिफिक ऑफिसर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, विश्लेषक, सहित सभी महत्वपूर्ण पदों पर योग्य युवाओं के चयन की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्रीमती अनीता सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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