जौनपुर। जौनपुर में फिल्म निर्देशक, अभिनेता अजय देवगन समेत तीन के खिलाफ परिवाद दर्ज
जौनपुर। एक फिल्म में भागवान चित्रगुप्त का उपहास उड़ाने व आपत्ति जनक टिप्पणी करने के मामले में दीवानी न्यायालय में परिवाद दर्ज हुआ है। दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता व परिवादी हिमांशु श्रीवास्तव ने इस फिल्म के अभिनेता अजय देवगन, सिध्दार्थ मल्होत्रा और निर्देशक इंदर कुमार पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने व अन्य धाराओं में परिवाद दर्ज कराया है। परिवादी के बयान के लिए कोर्ट ने 18 नम्बर की तारीख नियत की है। दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव निवासी जोगियापुर ने कोर्ट में अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह व सूर्या सिंह के माध्यम से फिल्म अभिनेता अजय देवगन,सिद्धार्थ मल्होत्रा व निर्देशक इंदर कुमार के खिलाफ परिवाद दायर किया कि बॉलीवुड फिल्म थैंक गॉड का ट्रेलर रिलीज हुआ है जिसमें अजय देवगन आधुनिक पोशाक पहनकर भगवान चित्रगुप्त बने दिख रहे हैं। ट्रेलर में सिद्धार्थ मल्होत्रा का एक्सीडेंट होने के बाद उसके कर्मों का हिसाब किताब चित्रगुप्त भगवान के दरबार में होता है। जहां अजय देवगन स्वयं को भगवान चित्रगुप्त बताते हुए घटिया जोक्स व आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। फूहड़ शब्दों का प्रयोग करते हुए भगवान चित्रगुप्त की प्रस्तुति की गई। पुराणों के अनुसार भगवान चित्रगुप्त न्याय के देवता माने जाते हैं। पाप और पुण्य का लेखा जोखा करते हैं। मनुष्यों के कर्मों का पूरा रिकॉर्ड रखने और उन्हें उनके कर्म के अनुसार दंडित या पुरस्कृत करने का कार्य करते हैं। ट्रेलर को वादी व गवाह आनंद श्रीवास्तव, बृजेश निषाद, मानसिंह, विनोद श्रीवास्तव, रवि प्रकाश पाल ने 10 सितंबर 2022 को शाम 5:00 बजे सोशल मीडिया पर देखा व सुना तथा बाद में समाचार पत्रों में भी पढ़ा।
ट्रेलर में भगवान चित्रगुप्त का अपमान किया गया है जिससे परिवादी व गवाहों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। मानसिक पीड़ा व कष्ट पहुंचा। घृणा, अपमान, नफरत पैदा करने का प्रयास किया गया। ज्यादा मुनाफा कमाने व टीआरपी बढ़ाने के लिए फिल्म में आपत्तिजनक दृश्य फिल्माया है जिससे सांप्रदायिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। देश में अस्थिरता पैदा करके संप्रभुता व अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला गया। बॉलीवुड द्वारा एक सुनियोजित साजिश के तहत फिल्मों में देवी देवताओं का मजाक उड़ाने वाले दृश्य फिल्मा कर लोक शांति भंग की जा रही है जो दंडनीय है। कोर्ट से मांग की गई कि आरोपितों को समुचित धाराओं में तलब कर दंडित किया जाए।
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