गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में सीएम योगी ने की कलश स्थापना

मंदिर परिसर में निकाली गई परंपरागत भव्य कलश शोभायात्रा, पहले दिन मां


शैलपुत्री की आराधना


शिवावतारी गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली पर शक्ति उपासना का विशेष


अनुष्ठान प्रारम्भ


कलश स्थापना के अनुष्ठान में श्रद्धाभाव से लीन रहे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी


आदित्यनाथ


गोरखपुर, 26 सितंबर।

` शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा, सोमवार को शिवावतारी एवं नाथपंथ के

प्रणेता गुरु गोरक्षनाथ की साधनास्थली गोरक्षपीठ में लोक कल्याण की

मंगलकामना के साथ आदिशक्ति की विशेष उपासना पीठ की परंपरा के अनुसार

वैदिक विधि विधान से प्रारंभ हो गई। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी

आदित्यनाथ ने मठ के पहले तल पर स्थित शक्तिपीठ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच

कलश स्थापना कर प्रथम दिन मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की।

दो घंटे तक चला पहले दिन का अनुष्ठान जगतजननी की आराधना, देवी पाठ,

आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ।

कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में परंपरागत भव्य कलश

शोभायात्रा श्रद्धाभाव से निकाली गई। शाम करीब साढ़े पांच बजे मंदिर के

प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ को गोरक्षपीठाधीश्वर ने परंपरागत रूप से अपने

हाथों से शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ का त्रिशूल देकर रवाना किया। योगी

कमलनाथ के नेतृत्व में साधु-संतों की शोभायात्रा मां दुर्गा के जयघोष के बीच

पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची। जहां कलश भरने और सरोवर

की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ पहुंची। मठ के प्रथम पर जल

भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उठाया और शक्तिपीठ के

गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वरुण देवता का आवाहन कर कलश स्थापित

किया। गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु

गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की।

इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमद् देवीभागवत का

पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया। पाठ के

उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया। आरती में मुख्यमंत्री एवं


गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित रहे। सभी आनुष्ठानिक कार्य

मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी के नेतृत्व में अन्य पुरोहितों,

संस्कृत विद्यापीठ के आचार्यगण व वेदपाठी छात्रों ने सम्पन्न कराये।

नौ दिन व्रत रहेंगे सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवरात्र पर्व पर नौ दिन व्रत के व्रत पर हैं।

व्रत का यह सिलसिला उनके गोरक्षपीठ में आगमन के साथ से ही ढाई दशक से

अधिक समय से जारी है। मुख्यमंत्री बनने से पूर्व योगी आदित्यनाथ पूरी नवरात्र

गोरखनाथ मठ के पहले तल पर ही प्रवास कर उपासना में रत रहते थे। सीएम

की बड़ी जिम्मेदारी के बाद सिर्फ प्रवास में बदलाव हुआ है, शेष पूजा-आराधना

का क्रम अनवरत जारी है।

अस्त्र-शस्त्र के साथ निकली कलश शोभायात्रा, गूंजी नागफनी की ध्वनिया

मंदिर परिसर में कलश शोभायात्रायात्रा पूरी तरह परंपरागत ढंग से

निकली। आगे-आगे त्रिशूल लिए मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ और

उनके पीछे अस्त्र-शस्त्र लिए अन्य साधु संत, साथ मे संस्कृत विद्यापीठ के आचार्य

व वेदपाठी छात्र। घड़ी-घंट, शंख और नाथ संप्रदाय के विशेष वाद्ययंत्र नागफनी

की गूंज के बीच कलश यात्रा भीम सरोवर पहुंची। भीम सरोवर में सभी अस्त्र-

शस्त्र को स्नान कराने व कलश भरने का अनुष्ठान पूरा हुआ। शंख ध्वनि एवं वैदिक

मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा वापस शक्ति मंदिर पहुंची।

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