सितंबर में गुरु-शिष्य के रिश्ते की मिसाल बनती है गोरक्षपीठ

महंत दिग्विजयनाथ व अवेद्यनाथ की पड़ती है पुण्यतिथि

7 सितंबर से सप्ताह भर होंगे कई कार्यक्रम


लखनऊ। 6 सितंबर।

करीब आधी सदी से गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के लिए सितंबर खास

होता है। ऋषि परंपरा में गुरु-शिष्य के जिस रिश्ते का जिक्र किया जाता है, इस

महीने में सप्ताह भर पीठ उसकी जीवंत मिसाल बनती है। दरअसल सितंबर में

ही ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की

पुण्यतिथि पड़ती है। इस साल भी युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी

महाराज की 53वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं

पुण्यतिथि है। इस उपलक्ष्य में 7 सितंबर से सप्ताह भर कई आयोजन होंगे।

वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए ये

कार्यक्रम हुए थे।

आज से शुरू होगा साप्ताहिक कार्यक्रमों का सिलसिला

जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज कराएंगे रामकथा का

रसपान

7 सितंबर से संगीतमयी श्रीराम कथा और 8 सितंबर से देश के ज्वलंत

मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर के व्याख्यान होंगे। बुधवार से दोपहर बाद 3 बजे से मंदिर

के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में संगीतमयी श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ में अयोध्या

से पधारे जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर,

अशर्फी भवन अयोध्या) कथा का रसपान कराएंगे।

------------------------

कथा के शुभारंभ से पहले निकलेगी शोभायात्रा

इसी दिन गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन कथा स्थल से

श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ की शोभायात्रा निकाली जाएगी। कथा प्रतिदिन अपराह्न

3 से शाम 6 बजे तक होगी। हवन व भंडारे के साथ 13 सितंबर को समापन

होगा।

------------------------------

विभिन्न सामयिक व ज्वलंत विषयों पर व्याख्यान गुरुवार से


गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में विभिन्न

सामयिक व ज्वलंत विषयों पर व्याख्यान गुरुवार से सुबह 10.30 बजे शुरू

होगा। गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में यह आयोजन होगा।

पहले दिन 8 सितंबर को 'आजादी का अमृत महोत्सव: संकल्पना से सिद्धि

तक' विषय पर व्याख्यान होगा। 9 सितंबर को 'भारतीय सेना और अग्निपथ',

10 सितंबर को 'नए भारत के निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भूमिका', 11

सितंबर को 'संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति', 12 सितंबर को 'भारतीय संस्कृति

एवं गोसेवा' पर व्याख्यान होगा। 13 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ

जी महाराज तथा 14 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज को

श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्य कार्यक्रम होंगे।

--------------------------

शुभारंभ एवं समापन पर रहेंगे पीठाधीश्वर योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं। वह

आयोजन के शुभारंभ और समापन समारोह में आयोजन स्थल पर उपस्थित

रहेंगे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने