रविवार को नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के अमया देवरिया, रेहरामाफी, में दोपहर बाद कड़ी सुरक्षा के बीच चेहल्लुम का जुलूस बरामद हुआ। कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत को याद कर शिया समुदाय के लोगों ने नम आंखों से शहीदाने कर्बला को पुरसा दिया। नौहा ख्वानो के नौहे पर अजादारों ने मातम किया।
उतरौला के मोहल्ला सुभाष नगर में मरहूम हाजी तुल्लन हुसैन के इमामबाड़े से चेहल्लुम का जुलूस शाम तीन बजे बरामद हुआ। जिसमें शिया समुदाय के बड़ों बूढ़े के साथ छोटे छोटे बच्चे काले लिबास पहने नंगे पांव, दर्द भरे नौहे के साथ कमा व जंजीर का मातम किया। इसी जुलूस में अहले सुन्नत उतरौला का जुलूस भी अलम व ताजिए के साथ शामिल रहा। अज़ादारों को जगह-जगह पानी, शरबत, शबील, चाय व फल वितरित किया गया। गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा उतरौला द्वारा ज्वाला महारानी मंदिर पर जुलूस में शामिल अकीदतमंदो के लिए पानी की व्यवस्था कराई गई। जुलूस अपने मुख्य मार्ग से होता हुआ कर्बला पहुंचकर शाम सात बजे समाप्त हुआ। जिसमें भारी संख्या में लोग मौजूद थे। कई गांव के लोगों ने भी ताजिया लाकर कर्बला मे दफन किया।
उतरौला के ग्राम अमया देवरिया में भी चेहल्लुम का जुलूस दरगाह हजरत अब्बास अलमदार से शाम तीन बजे बरामद हुआ। जिसमें शिया समुदाय के लोग नंगे पांव काले लिबास में दर्द भरे नौहे पढ़ने के साथ कमा व जंजीर का मातम कर इमाम हुसैन को पुरसा दिया। जुलूस में अलम, ताबूत, जुल्जना, तिरंगा व ताजिया के साथ भारी संख्या में लोगों ने नौहा ख्वानी व सीना जनी की। मातमदारो को जगह-जगह पानी, शरबत, शबील, चाय व फल वितरित किया गया। जुलूस मिसन रोड से होता हुआ डाक बंगला पहुंचा तो माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया। यहां पर लगभग एक घंटे तक नौहा ख्वानी कमा व जंजीरी मातम होता रहा। डाक बंगला होते हुए जुलूस कर्बला पहुंचकर लोगों ने ताजिया दफन किया। शाम सात बजे जुलूस समाप्त हुआ।
मौलाना जायर अब्बास ने बताया कि दस मोहर्रम को इमाम हुसैन शहीद कर दिए गए थे। जिनकी याद में हम लोग दस मोहर्रम के 40वे दिन शोहदाय कर्बला का चेहल्लुम मनाते है ।
सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।
सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था की दृष्टि से एसडीएम उतरौला संतोष ओझा, सीओ उदय राज सिंह, प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह बाजार में भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे।चौकी इंचार्ज गुरूसेन सिंह भी अपने तमाम आरक्षियों के साथ मुस्तैद दिखे।
असग़र अली
उतरौला
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