*स्टांप पेपर की कालाबाजारी में दस का स्टांप तहसील से गायब*
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अयोध्या - जिले में स्टाम्प की काला बाजारी थमने का नाम नही ले रही है। रोज मर्रा की नोटरी में प्रयोग होने वाला 10 रुपए का स्टाम्प तहसील और रजिस्ट्री कार्यालय से गायब हुए महीनों बीत रहा है। लेकिन पूंछने वाला कोई नही है। जरूरतमंद लोगों को अपने स्टाम्प की तय कमीशन की जगह पांच गुने से ज्यादा रकम अदा करने में जेब ढीली करनी पड़ रही है।
तहसील और रजिस्ट्री कार्यालय स्टाम्प पेपरों के लिए ही जाना जाता है। यहां स्टांप पेपर की कालाबाजारी का हाल इतना बुरा है कि लोग अब परेशान होकर अधिकारियों का दरवाजा खटखटाने लगे हैं। सोहावल तहसील के अधिवक्त्ता सुधीर मिश्रा ने एसडीएम सोहावल से शिकायत किया है। आरोप है कि 10 रुपये का स्टाम्प पेपर स्टांप बिक्री करने वाली लाइसेंसी दुकानों से गायब हुए महीनों बीत रहा है। एक नोटरी जो 10 रु के स्टाम्प में बनती थी। अब पचास और 100 रु के स्टाम्प पर बनवाना लोगो की मजबूरी बन चुकी है। इन स्टाम्प पेपरों को भी निर्धारित 2 फीसदी कमीशन की जगह पांच गुने कमीशन के साथ बेंचा जा रहा है। यही नही रजिस्ट्री कार्यालय में जहां ई स्टाम्प की व्यवस्था है। वहां भी दुगने से ज्यादा धन की अदायगी पर बेंचे जाने की शिकायतें आ रही है। स्टाम्प का प्रयोग करने वाले चाहे नोटरी वाले हो या जमीनों का बैनामा कराने वाले। सभी दोहरे ठगी का शिकार हो रहे है। पहले स्टाम्प की काला बाजारी का शिकार होते है। इसके बावजूद नोटरी कराने में भी स्टाम्प के मूल्य से जोड़कर नोटरी खर्च अदा कर रहे है। जो नोटरी पहले पचास रुपए से कम में बन जाती थी। आज 100 से डेढ़ सौ रु में बन रही है। पूंछे जाने पर उपजिला अधिकारी सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने स्टांप पेपर को लेकर शिकायत नही मिली है। निगरानी करवाई जाएगी। काला बाजारी करने वाले कार्रवाई से बचेंगे नही।
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