अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर , संतोष कुमार श्रीवास्तव
अयोध्या
 
ज्ञानवापी विवाद में साधू संतो ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत 


 ज्ञानवापी विवाद में  हिन्दूओं के पक्ष में वाराणसी जिले के न्यायालय के फैसले को अयोध्या के साधु संतों ने स्वागत किया। श्रीराम बल्लाभाकुंज के प्रमुख  राजकुमार दास ने कहा कि न्यायालय ने सुनवाई का मार्ग तय कर एक सत्य को सामने लाने का अवसर दिया है जिसका हम सभी संत स्वागत करते है। स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि श्रीराम का भव्य मंदिर एएसआई उत्खनन के बाद ही  सत्य तथ्य सामने आया और राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका। ज्ञानवापी मामले में सुनवाई होगी तो ऐतिहासिक सच सामने आयेगा। यह वह सत्य होगा जिसको लम्बे समय से इसे रोका गया है। श्रीराम लला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने भी ज्ञानवापी विवाद मामले में न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज किया और हिन्दू पक्ष की दलील को रखा। जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने वाराणसी के श्रृंगार गौरी केस में कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के साधु संतों सहित देश के सभी संतों ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। मुस्लिम आक्रांताओं ने हिन्दू आस्था को खंडित किया जिसे अब पुनरूत्थान किया जाने का समय आ गया । मुगलों की याचिका खारिज किया गया जो स्वागत योग्य है। हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत रामदास जी ने भी ज्ञानवापी मामले में न्यायालय के फैसले का स्वागत किया । उन्होंने संविधान में आस्था और न्यायालय के फैसले का स्वागत किया।

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