वाराणसी। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की अदालत ने पेशी के दौरान सिपाही पर जानलेवा हमले में तीन को दोषी करार दिया। रोहनिया के औढ़े निवासी तपेश नारायण सिंह, हिरामनपुर (फूलपुर) निवासी अश्विनी सिंह व अनुराग सिंह को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही 35-35 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
वहीं इस मामले में आरोपित घोसी के सांसद अतुल राय, पूर्व प्रधान सुजीत सिंह बेलवा व अभिषेक सिंह हनी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने पक्ष रखा। सांसद अतुल राय और अभिषेक सिंह हनी की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व दिलीप श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।25 अगस्त 2011 को तत्कालीन कचहरी पुलिस चौकी प्रभारी तहसीलदार सिंह ने कैंट थाने में केस दर्ज कराया था। बताया कि वायरलेस से सूचना मिली की कुछ बदमाश सिपाहियों को मारपीट रहे हैं। मौके पर पहुंचे पेशी पर लाए गए बंदी तपेश नारायण सिंह और उसके साथी अश्विनी सिंह व अनुराग सिंह सिपाही को मारपीट कर रहे थे। दोनों तपेश को छुड़ाकर भगाने की फिराक थे। तीनों को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में घोसी सांसद अतुल राय समेत तीन अन्य का भी नाम आया था। जिसके बाद छह आरोपितों पर केस दर्ज किया गया।
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